Hindi science

difference between Alveoli and Nephron with definition

कूपिका (Alveoli) – फुफ्फुस की संरचनात्मक एवं कार्यात्मक इकाई को कूपिका कहते है । इनकी रचना थैलीनुमा होती हैं इन्हें वायुकोष (Air Sac) भी कहते हैं । विभिन्न कूपिका वाहिनियाँ इनमें खुलती हैं । वायुकोष अथवा कूपिकाएँ ही वे स्थान हैं जहाँ गैसों का आदान-प्रदान होता है । कूपिकाओं के चारों ओर रूधिर केशिकाओं का घना जाल होता है ।

नेफ्रोन – वृक्क की संरचनात्मक तथा कार्यात्मक इकाई को नेफ्रोन कहते है । प्रत्येक वृक्क में अति सूक्ष्मनलिकाएँ होती हैं जिन्हें वृक्क नलिकाएँ अथवा नेफ्रोन (Nephron) कहते हैं ।

नेफ्रोन के भाग –
1. मैलपीगी कोष (Malpighian capsule) इसमें दो भाग होते हैं ।
i. बोमन संपुट (Bowman capsule)
ii. ग्लोमेरूलस (Glomerulus)
2. नलिकीए भाग – यह तीन भागों में विभेदित होता है –
i. समीपस्थ कुण्डलित भाग (Proximal convoluted part)
ii. हेनले का लूप (Henley’s loop)
iii. दूरस्थ कुण्डलित भाग (Distal convoluted part)

कूपिकाओं (Alveoli) तथा नेफ्रोन (Nephron) की रचना तथा क्रियाविधि की तुलना –

क्रं.सं. कूपिका(Alveoli) नेफ्रोन(Nephron)
1. फुफ्फुस की संरचनात्मक एवं कार्यात्मक इकाई को कूपिका कहते है । वृक्क की संरचनात्मक तथा कार्यात्मक इकाई को नेफ्रोन कहते है ।
2. कूपिकाओं की आकृति गोलाकार होती है । जबकि नेफ्रोन एक लंबी नलिकानुमा होती है ।
3. कूपिकाएँ अपने आप में एकल होती हैं अर्थात् आगे विभाजित नहीं होती है । नेफ्रोन दो भागों में विभाजित होता है –
बोमन संपुट तथा वृक्क नलिका ।
वृक्क नलिका भी तीन भागों में बंटी होती है –
i. समीपस्थ कुण्डलित भाग (PCT)
ii. हेन्ले का लूप
iii. दूरस्थ कुण्डलित भाग (DCT)
4. रक्त कोशिकाएँ (Blood capillaries) एक ही प्रकार की होती हैं जो कूपिकाओं के चारों ओर स्थित होती हैं । रक्त कोशिकाएँ दो भाग बनाती हैं – कोशिका गुच्छ एवं परिनलिका कोशिकाएँ ।
5. यह श्वसनीय गैसों के लेनदेन से संबंधित है । जबकि यह शरीर द्रव (Body fluid) से संबंधित है ।
6. कूपिकाओं में श्वसनीय सतह पाई जाती है ,जहाँ गैसों का विनिमय होता है । अर्थात् कूपिकाएँ गैसों के आदान-प्रदान का कार्य करती है । जबकि नेफ्रोन अपशिष्ट पदार्थों को रूधिर से अलग करने का कार्य करता है ।

 

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