Hindi science

Mycoplasmal Diseases of Plants in Hindi

पौधों के माइकोप्लाज्मीय रोग

I. बैंगन का लघुपत्र रोग (little leaf disease of brinjal) – यह बैंगन (सोलेनम मेलोन्जेना) का एक विनाशकारी रोग है । और भारतवर्ष के बैंगन उत्पादन वाले सभी क्षेत्रों में पाया जाता है । भारतवर्ष में यह रोग सर्वप्रथम कोयम्बटूर में 1939 में देखा गया ।
1. रोग लक्षण (disease symptoms) –
i. इस रोग से पौधे झाड़ी (bushy) रूप ले लेता है जो इस रोग का एक मुख्य लक्षण है ।
ii. संक्रमित पौधे की ऊँचाई तथा उसकी पत्तियों का आमाप बहुत कम हो जाता है । इसके अतिरिक्त पत्तियाँ संकीर्ण , कोमल, चिकनी व पीले रंग की हो जाती है ।
iii. पूरी तरह (अत्यधिक) संक्रमित पौधों में पुष्प व फल नहीं बनते है ।
2. रोगकारक जीव (Causal organism) – इस रोग का कारक माइकोप्लाज्मा (Mycoplasma) है । ये गोल अथवा अण्डाकार आकृति के जीव (40-300 nm) रोगी पौधे के फ्लोएम कोशिकाओं में देखे जा सकते है ।
3. संचरण (Transmission) – लघुपत्र रोग का रोगवाहक सेस्टस फाइसिटिस (cestius phycitis) नामक कीट है ।
4. रोग नियंत्रण (disease control) – इस रोग को निम्नलिखित विधियों से नियंत्रित किया जा सकता है –
i. एकान्तर परपोषी के उन्मूलन द्वारा ।
ii. रोगी पौधे को खेत से निकालकर ।
iii. टेट्रासाइक्लीन (tetracycline) के उपचार से ।
iv. मेटासिस्टॉक्स (metasystox) के छिड़काव से रोगवाहक की संख्या नियंत्रित करके ।

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