class 10 NCERT Science chapter-6 text book question and answer part-1//Life Processes
अध्याय-6
जैव प्रक्रम
प्रश्न-1. मनुष्य में वृक्क एक तंत्र का भाग है जो संबंधित है –
अ) पोषण
ब) श्वसन
स) उत्सर्जन
द) परिवहन
उत्तर – स) उत्सर्जन
स्पष्टीकरण – मनुष्य में वृक्क उत्सर्जन तंत्र से संबंधित होते है । वृक्क की संरचनात्मक व क्रियात्मक इकाई को नेफ्रोन (वृक्काणु) कहते है ।
प्रश्न-2. पादप में जाइलम उत्तरदायी है –
अ) जल व खनिज लवणों का वहन
ब) भोजन का वहन
स) अमीनों अम्लों का वहन
द) ऑक्सीजन का वहन
उत्तर – अ) जल व खनीज लवणों का वहन
स्पष्टीकरण – पादपों में जाइलम उत्तक जल व खनिज लवणों का वहन जड़ से तने की ओर करते है ।
जबकि फ्लोएम उत्तक पादपों में भोजन का परिवहन पत्तियों से जड़ों की ओर करते है ।
प्रश्न-3. स्वपोषी पोषण के लिए आवश्यक है –
अ) कार्बन डाइऑक्साइड व जल
ब) क्लोरोफिल
स) सूर्य का प्रकाश
द) उपरोक्त सभी
उत्तर – द) उपरोक्त सभी
स्पष्टीकरण –
स्वपोषी – पोषण की वह विधि ,जिसमें जीवधारी पर्यावरण में उपस्थित सरल कार्बनिक पदार्थों जैसे CO2 व जल आदि से अपना भोजन स्वयं बनाते हैं, स्वपोषण विधि कहलाती है तथा ऐसे जीवधारी स्वपोषी कहलाते है । उदाहरण – सभी हरे पौधे , कुछ जीवाणु तथा शैवाल
प्रश्न-4. पायरूवेट के विखंडन से यह CO2 ,जल तथा ऊर्जा देता है और यह क्रिया होती है –
अ) कोशिकाद्रव्य
ब) माइट्रोकॉन्ड्रिया
स) हरित लवक
द) केन्द्रक
उत्तर – ब) माइट्रोकॉन्ड्रिया
स्पष्टीकरण – जब पायरूवेट के अणु माइट्रोकॉन्ड्रिया के अन्दर आते है तो ये क्रेब्स चक्र में प्रवेशित होकर CO2 ,जल तथा ऊर्जा में विखंडित हो जाते है ।
ग्लूकोज से पायरूवेट अणुओं का निर्माण कोशिकाद्रव्य में होता है ।
प्रश्न-5. हमारे शरीर में वसा के पाचन के समझाइए । यह प्रक्रम कहाँ होता है ।
उत्तर- हमारे शरीर में वसा का पाचन आहारनाल में लाइपेज नामक एंजाइम द्वारा होता है । पित्त रस में उपस्थित पित्त लवण वसा का इसल्सीकरण करते हैं अर्थात् वसा को छोटी गोलिकाओं में खंडित कर देते हैं । इससे एंजाइम की क्रियाशीलता बढ़ जाती है । जठर रस, अग्न्याशयी रस तथा आंत्र में उपस्थित लाइपेज एंजाइम इस इसल्सीकृत वसा को वसीय अम्ल तथा ग्लिसरॉल में बदल देता है । इस प्रकार वसा का पाचन हो जाता है ।
प्रश्न-6. भोजन के पाचन में लार की भूमिका क्या है ।
उत्तर- भोजन के पाचन में लार की भूमिका निम्न है –
i. ग्रंथियों से स्त्रावित लार मुख गुहा को नम बनाए रखती है ।
ii. भोजन नम बनाने एवं उसे निगलने में सहायता करती है ।
iii. भोजन में उपस्थित मण्ड का आंशिक रूप से पाचन करती है तथा टायलिन एंजाइम द्वारा स्टार्च को माल्टोज में बदलती है ।
iv. मुँह एवं दाँतों को साफ रखती है ।
v. लार में उपस्थित लाइसोजाइम्स , जीवाणुओं को नष्ट करने में सहायता करते हैं ।
प्रश्न-7. स्वपोषी पोषण के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ कौनसी हैं और उसके उपोत्पाद क्या हैं ।
उत्तर- स्वपोषी पोषण के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ निम्न हैं –
i. कार्बन डाइऑक्साइड
ii. पादपों में उपस्थित क्लोरोफिल
iii. सूर्य का प्रकाश
iv. जल
v. उचित तापमान
स्वपोषी ,क्लोरोफिल की सहायता से सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में CO2 तथा जल (H2O) द्वारा भोजन (कार्बोहाइड्रेट) का निर्माण करते हैं ।
इस क्रिया का मुख्य उत्पाद ग्लूकोज (C6H12O6) तथा उपोत्पाद जल तथा ऑक्सीजन होते हैं ।
प्रश्न-8. वायवीय तथा अवायवीय श्वसन में क्या अंतर है । कुछ जीवों के नाम लिखिए जिनमें यह होता है ।
अथवा
वायवीय तथा अवायवीय श्वसन में चार अन्तर लिखिए । किन्हीं दो जीवों के नाम लिखिए ।
उत्तर- वायवीय तथा अवायवीय श्वसन में अन्तर – इसमें निम्न अन्तर होते है –
क्रं.सं. | वायवीय श्वसन | अवायवीय श्वसन |
1. | जब श्वसन क्रिया में ऑक्सीजन का उपयोग होता है तो उसे वायवीय श्वसन कहते है । | जब श्वसन क्रिया में ऑक्सीजन का उपयोग नहीं होता है अथवा भोज्य पदार्थों का अपूर्ण ऑक्सीकरण होता है । तो उसे अवायवीय श्वसन कहते है । |
2. | इस प्रक्रिया में श्वसनीय पदार्थों का पूर्ण ऑक्सीकरण होता है । | इस प्रक्रिया में श्वसनीय पदार्थों का अपूर्ण ऑक्सीकरण होता है । |
3. | इस क्रिया के अंत में CO2 तथा जल बनता है । | इस क्रिया के अंत में CO2 और एथिल एल्कोहल (C2H5OH) बनता है । |
4. | अधिक मात्रा में ऊर्जा (686 Kcal ) मुक्त होती है । | इसमे कम मात्रा में ऊर्जा ( 25 Kcal या 50 Kcal ) मुक्त होती है । |
5. | वायुवीय श्वसन अभिक्रिया – यह अभिक्रिया माइट्रोकॉन्ड्रिया में एंजाइस की उपस्थिति में होती है । इसकी निम्न समीकरण है – C6H12O6 + 6O2 →6CO2 + 6H2O + 686 Kcal |
अवायुवीय श्वसन अभिक्रिया – इसमें एंजाइम्स की उपस्थिति में निम्न अभिक्रिया होती है जिसकी रासायनिक समीकरण निम्न प्रकार होती है – C6H12O6 → 2C2H5OH + 2CO2 + 25 OR 50 Kcal |
6. | यह माइट्रोकॉन्ड्रिया में होता है । | यह साइटोप्लाज्म ( कोशिकाद्रव्य ) में होता है । |
7. | इस क्रिया में ग्लूकोज के एक अणु से 38 ATP अणु मुक्त होते हैं । | इस क्रिया में ग्लूकोज के एक अणु से 2 ATP अणु मुक्त होते हैं । |
8. | उदाहरण – यूकैरियोट जीव-जन्तु व पौधे | उदाहरण – निम्न श्रेणी के पौधे व निम्न श्रेणी के जंतु ( एस्केरिस , यीस्ट, जीवाणु ) , परजीवी व मानव की पेशी कोशिका । |
9. | सभी कार्बन CO2 के रूप में मुक्त होते है । | इसमें सभी कार्बन CO2 के रूप में मुक्त नहीं होते है । |
प्रश्न-9. गैसों के अधिकतम विनिमय के लिए कूपिकाएँ किस प्रकार अभिकल्पित हैं ।
उत्तर- फेफड़ों की सबसे छोटी इकाई कूपिकाएँ हैं । इनमें श्वसनीय सतह पायी जाती है ,जहाँ गैसों का विनिमय होता है । मनुष्य के प्रत्येक फुफ्फुस में करीब 150 करोड़ कूपिकाएँ पाई जाती हैं । कूपिकाओं में अत्यधिक बारीक शल्की उपकला का अस्तर पाया जाता है । यह एपिथिलियम रक्त कोशिकाओं की भित्ति के साथ मिली रहती हैं । यह दोनों मिलकर श्वसनीय सतह का निर्माण करती हैं ।
मनुष्य के यदि दोनों फेफड़ों की कूपिकाओं को फैला दिया जाए तो यह लगभग 80 वर्गमीटर क्षेत्र ढ़क लेंगी । अतः कूपिकाएँ विनिमय के लिए विस्तृत सतह उपलब्ध करवाती हैं जिससे गैस-विनिमय अधिक दक्षतापूर्वक होता है ।