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Clarification All mcq Class 10 cbse Science Chapter-9 Heredity and Evolution

अध्याय – 9
आनुवांशिकता एवं जैव विकास
(Heredity and Evolution)

1. मेंडल के एक प्रयोग में लम्बे मटर के पौधे जिनके पुष्प बैंगनी थे ,का संकरण बौने पौधों जिनके सफेद पुष्प थे ,से करवाया गया । इनकी संतति के सभी पौधों में पुष्प बैंगनी रंग के थे । परन्तु उनमें से लगभग आधे पौधे बौने थे । इससे कहा जा सकता है कि लम्बे जनक पौधों की आनुवांशिक निम्न थी –
अ) TTWW
ब) TTww
स) TtWW
द) TtWw
उत्तर – स) TtWW
स्पष्टीकरण – जब मटर के लंबे व बैंगनी पुष्प वाले पौधों का संकरण मटर के बौने व सफेद पुष्प वाले पौधों से करवाया जाता है तो इनकी सभी संतति बैंगनी पुष्प वाली और लगभग आधे पौधे बौने थे ।
मटर के बौने व सफेद पुष्प वाले पौधे का जीनोटाइप ttww होगा ।
चूँकि संकरण के पश्चात संततियों में बौना लक्षण प्रकट हो रहा है अतः मटर के लंबे पौधे अशुद्ध लंबे है और सभी संततियाँ बैंगनी पुष्प वाली है इसका तात्पर्य यह है कि मटर के अशुद्ध लंबे पौधों में पुष्प का बैंगनी रंग पूर्ण रूप से शुद्ध अवस्था में अतः मटर के लंबे व बैंगनी पुष्प वाले पौधों का जीनोटाइप TtWW होगा है ।

2. समजात अंगों का उदाहरण –
अ) हमारे हाथ तथा कुत्ते के अग्रपाद
ब) हमारे दाँत तथा हाथी के दाँत
स) आलू एवं घास के उपरिभूस्तारी
द) उपरोक्त सभी
उत्तर – द) उपरोक्त सभी
स्पष्टीकरण –
समजात अंग – ऐसे अंग जिनकी उत्पत्ति एवं मूल रचना समान होती है ,किन्तु कार्य भिन्न होते है ,समजात अंग कहलाते है ।

3. विकासीय दृष्टि से हमारी किससे से अधिक समानता है ।
अ) चीन के विद्यार्थी
ब) चिम्पैंजी
स) मकड़ी
द) जीवाणु
उत्तर – अ) चीन के विद्यार्थी
स्पष्टीकरण – विकासीय दृष्टी से हमारी चीन के विद्यार्थियों से अधिक समानता है । क्योंकि ये मानव है । इसके पश्चचात् हम विकासीय दृष्टि से चिम्पैंजी से समानता दर्शाते है ।

4. किसी जीव के एक विपर्यासी लक्षण के दोनों जीन होने पर इसे कहते है –
अ) एकलिंगी
ब) द्विलिंगी
स) समयुग्मजी
द) विषमयुग्मजी
उत्तर – द) विषमयुग्मजी
स्पष्टीकरण – किसी जीव के एक विपर्यासी लक्षण के दोनों जीन होने पर इसे विषमयुग्मजी कहते है ।
उदाहरण – माना एक जोड़ी विपर्यासी लक्षण मटर का शुद्ध लंबा व बौना पौधा है । लंबे पौधे को जीन TT से व बौने पौधे को जीन tt से प्रदर्शित करते है । इनके संकरण से जो संतति बनेगी उसमें एक विपर्यासी लक्षण के दोनों जीन Tt होगे जो की एक विषमयुग्मजी अवस्था है ।

5. आनुवांशिकी का जन्मदाता किसे कहा जाता है ।
अ) सटन
ब) मेन्डल
स) डार्विन
द) वेटीसन
उत्तर – ब) मेन्डल
स्पष्टीकरण – आनुवांशिकी का जन्मदाता मेन्डल को कहा जाता है ।

6. प्राकृतिक वरण का सिद्धांत प्रतिपादित किया –
अ) चार्ल्स डार्विन
ब) लैमार्क
स) मेन्डल
द) वेटीसन
उत्तर – अ) चार्ल्स डार्विन
स्पष्टीकरण – प्राकृतिक वरण का सिद्धांत चार्ल्स डार्विन प्रतिपादित किया ।

7. फूल गोभी निम्न से किस प्रकार के पुष्पों से विकसित हुई है ।
अ) बंध्य पुष्पों से
ब) एकलिंगी पुष्पों से
स) द्विलिंगी पुष्पों से
द) उपरोक्त सभी
उत्तर – अ) बंध्य पुष्पों से
स्पष्टीकरण – फूल गोभी बंध्य पुष्पों से विकसित हुई है ।

8. जीवाश्म में पाए जाने वाले किसी एक तत्व के विभिन्न समस्थानिकों के अनुपात के आधार पर निम्न में से किस विधि द्वारा जीवाश्म का समय निर्धारण किया जाता है ।
अ) फॉसिल डेटिंग द्वारा
ब) सापेक्ष द्वारा
स) अमोनाइट द्वारा
द) ट्राइलोब्राइड द्वारा
उत्तर – अ) फॉसिल डेटिंग द्वारा
स्पष्टीकण – फॉसिल डेटिंग – इस विधि द्वारा जीवाश्म में पाए जाने वाले किसी एक तत्व के विभिन्न समस्थानिकों का अनुपात के आधार पर जीवाश्म का समय निर्धारण किया जाता है ।

9. “प्राकृतिक वरण मत” में कहा गया है –
अ) व्यक्ति के जीवन में अर्जित लक्षणों की वंशागति होती है ।
ब) वंशागति परिवर्तन जीन सम्मिश्रण में होने वाले परिवर्तनों कारण होते है ।
स) पर्यावरण की उद्विकास में भूमिका होती है ।
द) भिन्न-भिन्न सदस्यों में प्रकट होने वाली अनुकूली विभिन्नताओं पर प्राकृतिक वरण का सिद्धांत काम करता है ।
उत्तर – द) भिन्न-भिन्न सदस्यों में प्रकट होने वाली अनुकूली विभिन्नताओं पर प्राकृतिक वरण का सिद्धांत काम करता है ।
स्पष्टीकरण – प्राकृतिक वरण मत के अनुसार भिन्न-भिन्न सदस्यों में प्रकट होने वाली अनुकूली विभिन्नताओं पर प्राकृतिक वरण का सिद्धांत काम करता है ।

10. मटर का वानस्पतिक नाम है –
अ) सोलेनम ट्यूबरोसम
ब) एलियम सीपा
स) पाइसम सेटाइवम
द) माइमोसापुडिका
उत्तर – स) पाइसम सेटाइवम
स्पष्टीकरणमटर का वानस्पतिक नाम ‘पाइसम सेटाइवम  ‘ है ।

11. आनुवांशिक लक्षणों के वाहक का नाम लिखिए –
अ) केन्द्रक
ब) माइट्रोकॉन्ड्रिया
स) लाइसोसोम
द) जीन
उत्तर – द) जीन
स्पष्टीकरण – आनुवांशिक लक्षणों के वाहक जीन होते है जो गुणसूत्र पर स्थित होते है । विभिन्न जीन मिलकर ही गुणसूत्र का निर्माण करते है । अतः हम कह सकते हैं कि गुणसूत्र भी आनुवांशिक लक्षणों के वाहक होते है ।

12. जीन प्ररूप (Genotype) किसे कहते है –
अ) जीवों के आनुवांशिकीय संघटन को
ब) जीवों के भौतिक लक्षणों को
स) समयुग्मजी अवस्था को
द) विषमयुग्मजी अवस्था को
उत्तर – अ) जीवों के आनुवांशिकीय संघटन को
स्पष्टीकरण – जीवों के आनुवांशिकीय संघटन (अर्थात् जीन संरचना) को जीन प्ररूप कहते है ।

13. समरूपी अंग का उदाहरण –
अ) हाथी की सूँड और चिम्पैंजी के हाथ
ब) चिड़ियों के पंख और चमगादड़ के पंख
स) कीटों के पंख तथा पक्षियों के पंख
द) उपरोक्त सभी
उत्तर – द) उपरोक्त सभी
स्पष्टीकरण – समरूप अंग(समवृति अंग) –
ऐसे अंग जो उत्पत्ति एवं मूल रचना में भिन्न होते है ,किन्तु कार्य में समान होते है ,समवृति अंग कहलाते है ।

14. जीनोम है –
अ) युग्म में दोनों जीन समान प्रकार के होते है ।
ब) युग्म में दोनों जीन अलग-अलग प्रकार के होते है ।
स) किसी जीव के युग्मक में उपस्थित गुणसूत्रों के अगुणित समुच्चय
द) किसी जीव के युग्मक में उपस्थित गुणसूत्रों के द्विगुणित समुच्चय
उत्तर – स) किसी जीव के युग्मक में उपस्थित गुणसूत्रों के अगुणित समुच्चय
स्पष्टीकरण – किसी जीव के युग्मक में उपस्थित गुणसूत्रों के अगुणित समुच्चय को जीनोम कहते है अथवा किसी भी जाति के अगुणित DNA अंश को जीनोम कहते है ।

15. समजात अंग के बारे में गलत कथन है –
अ) ये उत्पत्ति और मूल रचना में समान होते है ।
ब) ये कार्य में भिन्न होते है ।
स) ये उत्पत्ति और मूल रचना में भिन्न होते है ।
द) चमगादड़ के पंख और मनुष्य के अग्रपाद समजात अंग है ।
उत्तर – स) ये उत्पत्ति और मूल रचना में भिन्न होते है ।
स्पष्टीकरण – समजात अंग – ऐसे अंग जिनकी उत्पत्ति एवं मूल रचना समान होती है ,किन्तु कार्य भिन्न होते है ,समजात अंग कहलाते है । उदाहरण – चमगादड़ के पंख और मनुष्य के अग्रपाद

 

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