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Clarification All mcq Class 10 cbse Science Chapter-13 Magnetic Effects of Electric Current in Hindi

अध्याय-13
विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव
(Magnetic Effects of Electric Current)

1. निम्नलिखित में से कौन किसी लंबे विद्युत धारावाही तार के निकट चुंबकीय क्षेत्र का सही वर्णन करता है –
अ) चुंबकीय क्षेत्र की क्षेत्र रेखाएँ तार के लंबवत् होती है ।
ब) चुंबकीय क्षेत्र की क्षेत्र रेखाएँ तार के समांतर होती है ।
स) चुंबकीय क्षेत्र की क्षेत्र रेखाएँ अरीय होती है जिनका उद्भव तार से होता है
द) चुंबकीय क्षेत्र की संकेंद्री क्षेत्र रेखाओं का केन्द्र तार होता है ।

उत्तर – द) चुंबकीय क्षेत्र की संकेंद्री क्षेत्र रेखाओं का केन्द्र तार होता है ।
स्पष्टीकरण – किसी लंबे विद्युत धाराववाही तार के निकट चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं का उद्भव संकेद्री चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं के रूप में होता है ।

2. वैद्युतचुंबकीय प्रेरण की परिघटना
अ) किसी वस्तु को आवेशित करने की प्रक्रिया है ।
ब) किसी कुंडली में विद्युत धारा प्रवाहित होने के कारण चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करने की प्रक्रिया है ।
स) कुंडली तथा चुंबक के बीच आपेक्षिक गति के कारण कुंडली में प्रेरित विद्युत धारा उत्पन्न करना है ।
द) किसी विद्युत मोटर को घूर्णन कराने की प्रकिया है ।
उत्तर – द) किसी विद्युत मोटर को घूर्णन कराने की प्रकिया है ।
स्पष्टीकरण – Chapter -13 – Magnetic Effects of Electric Current

3. विद्युत धारा उत्पन्न करने की युक्ति को कहते है –
अ) जनित्र
ब) गैल्वेनोमीटर
स) ऐमीटर
द) मोटर
उत्तर – अ) जनित्र
स्पष्टीकरण – विद्युत जनित्र एक ऐसी युक्ति होती है जो यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलती है ।

4. किसी ac जनित्र तथा dc जनित्र में एक मूलभूत अंतर यह है कि –
अ) ac जनित्र में विद्युत चुंबक होता है जबकि dc जनित्र में स्थायी चुंबक होता है ।
ब) dc जनित्र उच्च वोल्टता का जनन करता है ।
स) ac जनित्र उच्च वोल्टता का जनन करता है ।
द) ac जनित्र में सर्पी वलय होते है जबकि dc जनित्र में दिक्परिवर्तक होता है ।
उत्तर – द) ac जनित्र में सर्पी वलय होते है जबकि dc जनित्र में दिक्परिवर्तक होता है ।
स्पष्टीकरण – प्रत्यावर्ती जनित्र (ac जनित्र ) इसमें दो सर्पी वलय होते है । इस जनित्र से प्रत्यावर्ती धारा उत्पन्न होती है ।
दिष्ट धारा जनित्र (dc जनित्र ) इस जनित्र में दिक्परिवर्तक होते है । यह जनित्र दिष्ट धारा उत्पन्न करता है ।

5. लघुपथन के समय परिपथ में विद्युत धारा का मान –
अ) बहुत कम हो जाता है ।
ब) परिवर्तित नहीं होता है ।
स) बहुत अधिक बढ़ जाता है ।
द) निरंतर परिवर्तित होता है ।
उत्तर – स) बहुत अधिक बढ़ जाता है ।
स्पष्टीकरण – लघुपथन – जब किसी विद्युत परिपथ में विद्युत धारा अकस्मात् ही अधिक हो जाती है तो इस घटना को लघुपथन कहते है ।

6. निम्नलिखित में कौनसा कथन गलत है –
अ) विद्युत मोटर यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलता है ।
ब) विद्युत जनित्र वैद्युतचुंबकीय प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है ।
स) किसी लंबे वृताकार विद्युत धारावाही कुंडली के केन्द्र पर चुंबकीय क्षेत्र समांतर सीधी क्षेत्र रेखाएँ होता है ।
द) विद्युन्मय तार के ऊपर लाल रंग का प्रतिरोधी प्रयोग किया जाता है ।
उत्तर – अ) विद्युत मोटर यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलता है ।
स्पष्टीकरण –विद्युत मोटर विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलता है ।

7. चुंबकीय क्षेत्र को उत्पन्न करने के संबंध में सही कथन है –
अ) स्थायी चुंबक के चारों तरफ चुंबकीय क्षेत्र होता है ।
ब) एक धारावाही सीधा चालक के चारों तरफ चुंबकीय क्षेत्र होता है ।
स) धारा युक्त परिनालिका के चारों तरफ चुंबकीय क्षेत्र होता है ।
द) उपरोक्त सभी सही है ।
उत्तर – द) उपरोक्त सभी सही है ।
स्पष्टीकरण – Chapter -13 – Magnetic Effects of Electric Current

8. एक चालक तार में धारा प्रवाहित करने से उत्पन्न चुंबकीय बल रेखाओं की दिशा होती है । चालक के –
अ) लंबवत् बाहर की ओर
ब) लंबवत् अन्दर की ओर
स) समानान्तर
द) चारों ओर वृताकार
उत्तर – द) चारों ओर वृताकार
स्पष्टीकरण – Chapter -13 – Magnetic Effects of Electric Current

9. चुंबकीय फ्लक्स का मात्रक है –
अ) वेबर
ब) ऐम्पीयर
स) वोल्ट
द) वेबर-मीटर
उत्तर – अ) वेबर
स्पष्टीकरण – चुंबकीय फ्लक्स का मात्रक वेबर होता है ।

10. प्रत्यावर्ती धारा जनित्र के आर्मेचर में प्रेरित विद्युत वाहक बल निर्भर करता है ।
अ) केवल आर्मेचर के घूर्णन पर
ब) केवल आर्मेचर के घेरों की संख्या पर
स) केवल आर्मेचर के क्षेत्रफल पर
द) आर्मेचर के घूर्णन वेग, घेरों की संख्या एवं क्षेत्रफल पर
उत्तर – द) आर्मेचर के घूर्णन वेग, घेरों की संख्या एवं क्षेत्रफल पर
स्पष्टीकरण – प्रत्यावर्ती धारा जनित्र के आर्मेचर में प्रेरित विद्युत वाहक बल आर्मेचर के घूर्णन वेग, घेरों की संख्या एवं क्षेत्रफल पर निर्भर करता है ।

11. चुंबकीय बल रेखाओं अथवा चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं से निश्चिच होता है –
अ) चुंबकीय क्षेत्र का आकार
ब) केवल चुंबकीय क्षेत्र की दिशा
स) केवल चुंबकीय क्षेत्र की सापेक्ष प्रबलता
द) दोनों , चुंबकीय क्षेत्र की दिशा तथा चुंबकीय क्षेत्र की प्रबलता ।
उत्तर – द) दोनों , चुंबकीय क्षेत्र की दिशा तथा चुंबकीय क्षेत्र की सापेक्ष प्रबलता ।
स्पष्टीकरण – चुंबकीय बल रेखाओं अथवा चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं से चुंबकीय क्षेत्र की दिशा तथा चुंबकीय क्षेत्र की सापेक्ष प्रबलता निश्चित होती है ।

12. विद्युत तथा चुंबकत्व के मध्य संबंध की खोज किसने की ।
अ) फैराडे
ब) न्यूटन
स) मैक्सवेल
द) आर्स्टेड
उत्तर – द) आर्स्टेड
स्पष्टीकरण – Chapter -13 – Magnetic Effects of Electric Current

13. घरेलु विद्युत परिपथ में विद्युन्मय तार (Live wire) तथा उदासीन तार के मध्य विभवांतर होता है ।
अ) 200 वोल्ट
ब) 150 वोल्ट
स) 210 वोल्ट
द) 220 वोल्ट
उत्तर – द) 220 वोल्ट
स्पष्टीकरण – हमारे घरों में आने वाली विद्युत धारा 220 वोल्ट की होती है अतः घरेलु विद्युत परिपथ में विद्युन्मय तार (Live wire) तथा उदासीन तार के मध्य विभवांतर 220 वोल्ट होगा ।

14. दो भिन्न चुंबकीय ध्रुवों के मध्य आकर्षण बल F है । यदि इन चुंबकीय ध्रुवों के बीच की दूरी दुगुनी हो जाये तब उनके मध्य आकर्षण बल का परिणाम होगा –
अ) F
ब) F/2
स) F/4
द) F/8
उत्तर – स) F/4
स्पष्टीकरण – दो भिन्न चुंबकीय ध्रुवों के मध्य आकर्षण बल ज्ञात करना
F = GMm/r2
दूरी को दुगुनी करने पर
F’ = GMm/(2r)2
F’ = GMm/4r2
चँकि F = GMm/r2
अतः F’ = F/4

15. भारत में घरेलु प्रत्यावर्ती धारा(AC) की आवृति है –

अ) शून्य
ब) 50 Hz
स) 60 Hz
द) 100 Hz
उत्तर – स) 50 Hz
स्पष्टीकरण – भारत में घरेलु प्रत्यावर्ती धारा(AC) की आवृति 50 Hz है ।

 

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