Clarification All mcq Class 10 cbse Science Chapter-12 Electricity in Hindi
अध्याय- 12
विद्युत (Electricity)
1. प्रतिरोध R के किसी तार के टुकड़े को पाँच बराबर भागों में काटा जाता है । इन टुकड़ों को फिर पार्श्वक्रम में संयोजित करते है । यदि संयोजन का तुल्य प्रतिरोध R’ है तो R/R’ अनुपात का मान होगा –
अ) 1/25
ब) 1/5
स) 5
द) 25
उत्तर – द) 25
स्पष्टीकरण – चूँकि तार को पाँच बराबर भागों में काटा गया है अतः
R1 = R2 = R3 = R4 = R5 = R/5
पार्श्वक्रम में तुल्य प्रतिरोध(R’) –
2. निम्नलिखित में से कौन सा पद विद्युत शक्ति को निरूपित नहीं करता है –
अ) I2R
ब) IR2
स) VI
द) V2/R
उत्तर – ब) IR2
स्पष्टीकरण – किसी विद्युत परिपथ में विद्युत शक्ति को निम्न सूत्रों से निरूपित किया जाता है –
P = I2R = VI = V2/R
3. किसी विद्युत बल्ब का अनुमतांक 220 V ; 100W है । जब इसे 110 V पर प्रचालित करते है तब इसके द्वारा उपभुक्त शक्ति कितनी होती है –
अ) 100 W
ब) 75 W
स) 50 W
द) 25 W
उत्तर – द) 25 W
स्पष्टीकरण – विद्युत बल्ब का अनुमतांक 220 V ; 100W है अतः इसका प्रतिरोध R होगा –
P = V2/R
R = V2/P
R = (220)2/100 = (220 ×220) /100 = 22 × 22 Ω
चूँकि लाइन वोल्टेज 110 V है अतः बल्ब के द्वारा उपभुक्त शक्ति –
P = V2/R
P = (110)2/22×22
P = 110 ×110 / 22× 22
P = 25 W
4. दो चालक तार जिनके पदार्थ ,लंबाई तथा व्यास में समान है , विद्युत परिपथ में पहले श्रेणीक्रम में और फिर पार्श्वक्रम में संयोजित किए जाते है । श्रेणीक्रम तथा पार्श्वक्रम संयोजन में उत्पन्न उष्माओं का अनुपात होगा –
अ) 1: 2
ब) 2 : 1
स) 1 : 4
द) 4 : 1
उत्तर – स) 1 : 4
स्पष्टीकरण – दो चालक तार हैं जिनके प्रतिरोध क्रमशः R , R है श्रेणीक्रम संयोजन में तुल्य प्रतिरोध R’1 –
R’1 = R1 + R2
R’1 = R + R= 2R
जब इन तारों को पार्श्वक्रम में संयोजित करते है तब इनका तुल्य प्रतिरोध R’2 –
1/R’2 = 1/R1 + 1/R2
1/R’2 = 1/R + 1/R
1/R’2 = 2/R
अथवा
R’2 = R/2
श्रेणीक्रम संयोजन में उत्पन्न उष्मा(H1) तथा पार्श्वक्रम संयोजन में उत्पन्न उष्मा(H2) का अनुपात –
H = I2Rt
चूँकि I = V/R
H = Vt/R
चूँकि दोनों संयोजनों में V एवं t समान होंगे
अतः H ∝ 1/R
H1/H2 = R’2/R’1
H1/H2 = (R/2)/2R
H1/H2 = R/4R = 1/4
H1 : H2 = 1: 4
5. किसी विद्युत परिपथ में दो बिन्दूओं के बीच विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर को किस प्रकार संयोजित किया जाता है –
अ) श्रेणीक्रम में
ब) पार्श्वक्रम में
स) मिश्रितक्रम में
द) उपरोक्त सभी
उत्तर – ब) पार्श्वक्रम में
स्पष्टीकरण – विद्युत परिपथ में दो बिन्दूओं के बीच विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर को सदैव पार्श्वक्रम(समांतर क्रम) में संयोजित किया जाता है ।
6. ‘ओम मीटर’ निम्नलिखित में से किस राशि का मात्रक है –
अ) प्रतिरोध
ब) प्रतिरोधकता
स) धारा
द) विभवांतर
उत्तर – ब) प्रतिरोधकता
स्पष्टीकरण – वैद्युत प्रतिरोधकता या विशिष्ट प्रतिरोध का SI मात्रक ओम मीटर होता है ।
7. किसी विद्युत परिपथ में किसी बिन्दू से 0.5 सेकण्ड में 20 कूलॉम आवेश प्रवाहित हो रहा है तो विद्युत धारा का मान ऐम्पीयर में होगा –
अ) 10
ब) 40
स) 0.005
द) 0.05
उत्तर – ब) 40
स्पष्टीकरण – किसी विद्युत परिपथ में धारा का मान ज्ञात करना-
I (धारा) = Q/t
I = 20/0.5
I = 200/5 = 40 A
8. विभिन्न मान के प्रतिरोध तारों को श्रेणीक्रम में जोड़कर उन्हें विद्युत स्रोत से सम्बद्ध करने पर प्रत्येक प्रतिरोध में –
अ) धारा और विभवांतर का मान भिन्न-भिन्न होता है ।
ब) धारा और विभवांतर का मान समान होता है ।
स) धारा समान बहती है लेकिन का विभवांतर भिन्न-भिन्न होता है ।
द) धारा का मान भिन्न-भिन्न होता है लेकिन विभवांतर का मान समान होता है ।
उत्तर – स) धारा समान बहती है लेकिन का विभवांतर भिन्न-भिन्न होता है ।
स्पष्टीकरण – जब भिन्न-भिन्न मान के प्रतिरोधों को श्रेणीक्रम में संयोजित किया जाता है तो उनमें धारा समान बहती है लेकिन प्रत्येक प्रतिरोध के सिरों पर विभवांतर भिन्न-भिन्न होता है ।
9. विद्युत परिपथ में धारा का मापन करने वाला उपकरण –
अ) धारा नियंत्रक
ब) वोल्टमीटर
स) अमीटर
द) ओममीटर
उत्तर – स) अमीटर
स्पष्टीकरण – विद्युत परिपथ में धारा का मापन करने के लिए अमीटर का उपयोग किया जाता है और इसे विद्युत परिपथ में सदैव श्रेणीक्रम संयोजन में जोड़ते है ।
10. किसी चालक का विशिष्ट प्रतिरोध निर्भर करता है –
अ) चालक की लंबाई पर
ब) चालक के अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल पर
स) चालक के पदार्थ पर
द) चालक की आकृति पर
उत्तर – स) चालक के पदार्थ पर
स्पष्टीकरण – किसी चालक का विशिष्ट प्रतिरोध (प्रतिरोधकता) चालक पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है । चालक पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध उसकी लंबाई और अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल पर निर्भर नहीं करता है ।
11. विद्युत परिपथ में किसी स्थान पर 1 मिनिट में 300 कूलॉम आवेश प्रवाहित हो रहा है । उस स्थान पर विद्युत धारा का मान ऐम्पीयर में होगा ।
अ) 4
ब) 5
स) 10
द) 300
उत्तर – ब) 5
स्पष्टीकरण – किसी विद्युत परिपथ में धारा का मान ज्ञात करना –
धारा (I) = Q/t
t = 1 मिनिट
समय सेकण्ड में लेना है –
t = 1× 60 = 60 सेकण्ड
I = 300/60
I = 5 A
12. 10 मीटर लंबे तार का प्रतिरोध 15 ओम है ,यदि इसकी लंबाई 5 मीटर कर दी जाए तो तार का प्रतिरोध (ओम में) अब होगा –
अ) 7.5
ब) 15
स) 25
द) 30
उत्तर – अ) 7.5
स्पष्टीकरण – चूँकि तार(चालक पदार्थ) का प्रतिरोध उसकी लंबाई के समानुपाती होता है । अतः
R ∝ l
R1 / R2 = l1 / l2 समीकरण -1
R1 = 15 ओम , l1 = 10 मीटर
R2 = ? , l2 = 5 मीटर
समीकरण -1 में मान रखने पर
15/R2 = 10/5
या R2/15 = 5/10
R2 /15 = 1/2
R2 = 15/2 = 7.5 ओम
13. यदि किसी परिपथ में प्रतिरोध का मान घटाना हो तो हमें क्या करना चाहिए –
अ) प्रतिरोधों को श्रेणीक्रम में लगाना चाहिए
ब) प्रतिरोधों को पार्श्वक्रम में लगाना चाहिए
स) प्रतिरोधों को मिश्रितक्रम में लगाना चाहिए
द) उपरोक्त सभी
उत्तर – ब) प्रतिरोधों को पार्श्वक्रम में लगाना चाहिए
स्पष्टीकरण – यदि विद्युत परिपथ में प्रतिरोध को घटाना है तो प्रतिरोधों को पार्श्वक्रम में संयोजित करना चाहिए क्योंकि इससे विद्युत परिपथ में प्रतिरोध का मान घट जाता है ।
14. किस संयोजन में तुल्य प्रतिरोध का मान अधिकतम होता है –
अ) श्रेणीक्रम में
ब) मिश्रितक्रम में
स) समांतर क्रम में
द) कोई नहीं
उत्तर – अ) श्रेणीक्रम में
स्पष्टीकरण – यदि प्रतिरोधों को श्रेणीक्रम संयोजन में संयोजित किया जाता है तो तुल्य प्रतिरोध का मान अधिकतम होता है ।
15. प्रतिरोधों के समान्तर क्रम संयोजन में सभी प्रतिरोधों में कौनसी राशि समान रहती है –
अ) विद्युत धारा
ब) आवेश
स) प्रतिरोधों के सिरों पर विभवांतर
द) धारा तथा विभवांतर
उत्तर – स) प्रतिरोधों के सिरों पर विभवांतर
स्पष्टीकरण – प्रतिरोधों के समान्तर क्रम संयोजन में सभी प्रतिरोधों के सिरों पर विभवांतर समान रहता है लेकिन विद्युत धारा भिन्न-भिन्न होती है ।
[WpProQuiz 12]