Classification of plants part-3 #पादप जगत का वर्गीकरण #G.K. Science
Classification of plants part-3
⦁ आवृतबीजी (Angiosperm) :
इस उपसमूह के पौधों में बीज फल के अन्दर होते हैं । इनके पौधों में जड़, पत्ती, फूल, फल एवं बीज सभी पूर्णविकसित होते हैं । इनके बीज में बीजपत्र होते हैं । बीजपत्रों की संख्या के आधार पर इन पौधों को दो वर्गों में विभाजित किया गया है –
1. एकबीजपत्री पौधे (Monocot plants)
2. द्विबीजपत्री पौधे (Dicot plants)
1. एकबीजपत्री पौधे (Monocot plants) – वे पौधे जिनके बीज में केवल एक बीजपत्र होता है, उन्हें एकबीजपत्री पौधे कहते हैं । इन पौधों के कुछ प्रमुख कुल और उनके पौधे निम्न सारणी में दिए गए हैं –
1. लिलिएसी (Liliaceae) – लहसुन, प्याज
2. पाल्मी (Palmae) – सुपारी ,ताड़ , नारियल, खजूर
3. ग्रेमिनेसी (Gramineceae) – गेहूँ, मक्का, बाँस, गन्ना, चावल, ज्वार, बाजरा, जौ, जई आदि ।
2. द्विबीजपत्री पौधे – वे पौधे जिनके बीज में दो बीजपत्र होते हैं , उन्हें द्विबीजपत्री पौधे कहते हैं । इनके कुछ प्रमुख कुल एवं उनके पौधे निम्न सारणी में दिए गए हैं –
1. क्रूसीफेरी (Cruciferae) – मूली, सरसों ,शलजम
2. मालवेसी (Malvaceae) – कपास, भिण्डी, गुड़हल
3. लेग्यूमिनोसी (Leguminoceae) – बबूल, कत्था, गुलमोहर, अशोक, छुईमुई, कचनार, इमली तथा सभी दलहन फसल
4. कम्पोजिट (Composite) – सूरजमुखी, भृंगराज, गेंदा, कुसुम, सलाद, डहेलिया आदि ।
5. कुकुरबिटेसी (Cucurbitaceae) – तरबूज, खरबूजा, टिण्डा, कद्दू , लौकी, खीरा, ककड़ी, परवल, चिचिन्डा, करेला ।
6. रूटेसी (Rutaceae) – नींबू, चकोत्तरा, सन्तरा, मुसम्मी, बेल
7. सोलेनेसी (Solanaceae) – आलू, मिर्च, बैंगन, मकोय, धतूरा, बैंलाडोना, टमाटर आदि ।
8. रोजेसी (Rosaceae) – स्ट्राबेरी, सेब, बादाम, नाशपाती
नोट – सबसे छोटा आवृतबीजी पौधा वॉल्फिया है ।
⦁ पादप आकारिकी (Plant Morphology) – विभिन्न पादप भागों जैसे – जड़, तना, पत्ती, पुष्प, फल आदि के रूपों तथा गुणों का अध्ययन करना, पादप आकारिकी कहलाता है ।
I. जड़ (Root) – जड़ पौधों का अवरोही भाग है, जो मूलांकुर से विकसित होता है । यह दो प्रकार की होती है –
अ) मूसला जड़ (Tap root)
ब) अपस्थानिक जड़ (Adventitious)
जड़ सदैव प्रकाश से दूर भूमि में वृद्धि करती है ।
II. तना (Stem) – यह भाग पौधे के प्रांकुर से विकसित होता है । तथा यह पौधे का प्ररोह तंत्र बनाता है ।
III. पत्ती (Leaf) – यह हरे रंग होती है । इसका प्रमुख कार्य प्रकाश संश्लेषण क्रिया द्वारा भोजन बनाना है ।
IV. पुष्प (Flower) – यह पौधे का जनन अंग है । पुष्प में बाह्यदलपुंज (Calyx), दलपुंज (Corolla), पुमंग (Androecium) और जायांग (Gynoecium) पाये जाते हैं । इनमें से पुमंग नर जननांग तथा जायांग मादा जननांग हैं ।
i. पुमंग – पुमंग में एक या एक से अधिक पुंकेसर (Stamens) होते हैं । पुंकेसर में परागकण (Pollen grains) पाये जाते हैं ।
ii. जायांग – इसमें अण्डप होते हैं । अण्डप के तीन भाग होते हैं –
1. अण्डाशय (Ovary)
2. वर्तिका (Style)
3. वर्तिकाग्र (Stigma)
⦁ परागण (Pollination) – परागकोष (Anther) से निकलकर अण्डप के वर्तिकाग्र पर परागकणों के पहुँचने की क्रिया को परागण कहते हैं । परागण दो प्रकार से होता है –
अ) स्वपरागण (Self-pollination)
ब) पर-परागण (Cross-pollination) ।
⦁ निषेचन (Fertilization) – परागनली बीजाण्ड में प्रवेश करके बीजाण्डकाय को भेदती हुई भ्रूणकोष तक पहुँचती है और परागकणों को वहाँ छोड़ देती है । इसके बाद एक नर युग्मक एक अण्डकोशिका से संयोजन करता है, इसे ही निषेचन कहते हैं । निषेचित अण्ड युग्मनज (Zygote) कहलाता है ।
नोट – आवृतबीजी में निषेचन त्रिक संलयन (Tripple fusion) जबकि अन्य वर्ग के पौधों में द्विसंलयन (Double fusion) होता है ।
⦁ अनिषेक फलन (Parthenocarpy) – कुछ पौधों में बिना निषेचन हुए ही अण्डाशय से फल बन जाता है । इस प्रकार बिना निषेचन हुए फल के विकास को अनिषेक फलन कहते हैं । साधारणतया इस प्रकार के फल बीजरहित होते हैं । जैसे – केला, पपीता, नारंगी, अंगूर एवं अनन्नास आदि ।
⦁ फल का निर्माण – फल का निर्माण अण्डाशय से होता है । सम्पूर्ण फलों को तीन भागों में विभाजित किया गया है –
1. सरस फल – अमरूद, केला आदि ।
2. पुंज फल (Aggregate fruit) – स्ट्रोबेरी , रसभरी ।
3. सग्रंथित फल (Composite fruit) – कटहल , शहतूत ।
Note – कुछ फलों के निर्माण में बाह्यदलपुंज, दलपुंज या पुष्पासन आदि भाग लेते हैं । ऐसे फलों को असत्य फल (False fruit) कहते हैं । उदाहरण – सेब, कटहल ।
⦁ कुछ फल एवं उसके खाने योग्य भाग
क्रं.सं. | फल का नाम | खाने योग्य भाग |
1. | सेब | पुष्पासन |
2. | नाशपाती | पुष्पासन |
3. | आम | मध्य फलभित्ति |
4. | अमरूद | फलभित्ति, बीजाण्डासन |
5. | अंगुर | फलभित्ति, बीजाण्डासन |
6. | पपीता | मध्य फलभित्ति |
7. | नारियल | भ्रूणपोष |
8. | टमाटर | फलभित्ति, बीजाण्डासन |
9. | केला | मध्य एवं अन्तः फलभित्ति |
10. | गेहूँ | भ्रूणपोष एवं भ्रूण |
11. | काजू | पुष्पवृंत एवं बीजपत्र |
12. | लीची | एरिल |
13. | चना | बीजपत्र एवं भ्रूण |
14. | मूँफफली | बीजपत्र एवं भ्रूण |
15. | शहतूत | रसीले परिदलपुंज |
16. | कटहल | परिदलपुंज एवं बीज |
17. | अनन्नास – | परिदलपुंज |
18. | नारंगी | जूसी हेयर |