Hindi science

class 10 NCERT Science chapter-7 text book question and answer part-2//Control and Coordination

प्रश्न-8. पादप में रासायनिक समन्वय किस प्रकार होता है ।
उत्तर- पादप में रासायनिक समन्वय हार्मोन द्वारा होता है । पादपों में उद्दीपित कोशिकाएँ विभिन्न हार्मोन्स का स्त्रवण करती है । विभिन्न पादप हार्मोन वृद्धि, विकास तथा पर्यावरण के प्रति अनुक्रिया के समन्वय में सहायता करते है । इन हार्मोन का संश्लेषण का स्थान इनके क्रिया-क्षेत्र से दूर होता है और साधारम विसरण द्वारा वे क्रिया-क्षेत्र तक पहुँच जाते है । उदाहरण के लिए वृद्धि हार्मोन (ऑक्सिन) पादप प्ररोह के शीर्ष भाग में संश्लेषित होकर विभिन्न भागों में पहुँचता है ,जो कि कोशिका प्रवर्धन, शीर्ष प्रभावन, जड़ों की वृद्धि में कमी उत्पन्न करता है ।
इसी प्रकार साइटोकाइनिन हार्मोन कोशिका विभाजन को उत्प्रेरित करता है । एब्सिसिक अम्ल वृद्धि संदमन करने वाला हार्मोन होता है । यह पतझड़ के मौसम में पत्तियों के गिरने की दर को बढ़ाता है । एथिलीन हार्मोन फलों को पकने में सहायता करता है ।

प्रश्न-9. एक जीव में नियंत्रण एवं समन्वय के तंत्र की क्या आवश्यकता है ।
उत्तर- जीवधारियों का शरीर कोशिकाओं का बना होता है । ये कोशिकाएँ समूह बनाते है विभेदित होकर उत्तक बनाती हैं और विभिन्न उत्तक मिलकर अंग बनाते है । जब विभिन्न अंग अपना-अपना कार्य सही समय पर करते हैं तो किसी भी कार्य को प्रभावी ढ़ंग से किया जा सकता है । अतः आवश्यक है कि सभी अंगों पर किसी प्रकार का नियंत्रण हो ताकि वे समन्वय के साथ कार्य कर सकें ।
उदाहरण के लिए, जब हम खाना खाते हैं तब हमारी आँखे देखती हैं कि भोजन कहाँ रखा हुआ है ,नाक भोजन की गंध का पता लगा लेती है , हमारे हाथ भोजन को उठाकर मुँह में लाते है और हमारे जबड़ों की पेशियाँ दाँतों की सहायता करती हैं ताकि भोजन चबाया जा सके । ये सारे क्रियाकलाप एक समन्वित विधि से होते हैं और इनमें से कोई एक क्रियाकलाप किसी कारण नहीं हो पाता तो पोषण की प्रक्रिया में व्यवधान आ जाता है ।
अतः जीव में नियंत्रण एवं समन्वय तंत्र की आवश्यकता होती है ।

प्रश्न-10. अनैच्छिक क्रियाएँ तथा प्रतिवर्ती क्रियाएँ एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं ।
उत्तर- अनैच्छिक एवं प्रतिवर्ती क्रियाओं में भिन्नता –

क्रं.सं. अनैच्छिक क्रियाएँ (Involuntary actions) प्रतिवर्ती क्रियाएँ (Reflex actions)
1. ये स्वायत्त तंत्रिका तंत्र (Autonomous nervous system) द्वारा नियंत्रित होती है । ये क्रियाएँ मेरूरज्जु (केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र = Central Nervous System) द्वारा नियंत्रित होती है ।
2. ये अचानक नहीं होती है । ये अचानक होती है ।
3. कभी-कभी उद्दीपन व अनुक्रिया के बीच गेप होता है । ये तुरन्त होती हैं अर्थात् इनमें गेप नहीं होता है ।
4. ये शरीर के भीतरी अंगों में होती है । ये बाहरी एवं चोटिल स्थानों मे होती है ।
5. ये अनैच्छिक पेशियाँ (smooth muscles) द्वारा होती हैं । ये ऐच्छिक पेशियाँ द्वारा होती हैं ।
6. अनैच्छिक क्रियाओं को नियंत्रित करने वाला तंत्रिका तंत्र दो भागों में विभेदित होता है-
i. अनुकम्पी तंत्रिका तंत्र
ii. सहानुकम्पी तंत्रिका तंत्र
यहाँ किसी भी प्रकार का विभेदन नहीं पाया जाता है ।
7. उदाहरण – ह्रदय की क्रिया । उदाहरण – सूई चुभ जाने पर हाथ को झटके से पीछे खींचना ।

प्रश्न-11. जन्तुओं में नियंत्रण एवं समन्वय के लिए तंत्रिका तथा हार्मोन क्रियाविधि की तुलना तथा व्यतिरेक (Contrast) कीजिए ।
                 अथवा
जन्तुओं में नियंत्रण एवं समन्वय के लिए तंत्रिका तथा हार्मोन क्रियाविधि की तुलना कीजिए ।
उत्तर- जन्तुओं में नियंत्रण एवं समन्वय के लिए तंत्रिका तथा हार्मोन क्रियाविधि की तुलना तथा व्यतिरेक अग्र प्रकार है –

क्रं.सं. हार्मोन क्रियाविधि तंत्रिका क्रियाविधि
1. यह रासायनिक पदार्थ के द्वारा होती है ,जिसे हार्मोन कहते है । यह वैद्युत रासायनिक तरंग के रूप में संचारित होती है ।
2. संवेदी ग्राही (Sensory Receptors) अनुपस्थित होते हैं । संवेदी ग्राही उपस्थित होते हैं ।
3. यह तंत्र सीधे लक्ष्य स्थान से संबंधित नहीं होता है । यह तंत्र सीधा प्रत्येक भाग से , जो इसके नियंत्रण में होता है ,उससे संबंधित होता है ।
4. इसका परिणाम लंबे समय तक परन्तु धीमा होता है । इसका परिणाम अल्प अवधि के लिए परन्तु शीघ्र होता है ।
5. यह तंत्र वृद्धि एवं विकास को नियंत्रित करता है । इस तंत्र का वृद्धि एवं विकास पर नियंत्रण अल्प होता है ।
6. इस तंत्र में ग्रंथियाँ व उनका स्त्रावण होता है । इस तंत्र में ,न्यूरोन्स तंत्रिकायें एवं तंत्रिकीय अंग होते है ।
7. रासायनिक संदेश का प्रभाव अन्त तक अर्थात् लंबे समय तक होता है । तंत्रिकीय संदेश का प्रभाव कम समय के लिए होता है ।

प्रश्न-12. छुई-मुई पादप में गति तथा हमारी टाँगों में वाली गति के तरीके में क्या अन्तर है ।
उत्तर- छुई-मुई पादप में गति तथा हमारी टाँगों में वाली गति में अन्तर –

क्रं.सं. छुई-मुई पादप में गति टाँगों में गति
1. छुई-मुई पादप में गति आघात करने या स्पर्श करने के फलस्वरूप होती है । टाँगों में गति हमारी इच्छाशक्ति एवं आवश्यकतानुसार होती है ।
2. इसमें तंत्रिकाएँ भाग नहीं लेती हैं । इसमें तंत्रिकाएँ भाग लेती है अर्थात् तंत्रिकाएँ टाँगों की गति के लिए संदेश लेकर जाती हैं ।
3. यह गति पर्णवृन्ततल्प (पलवीनस) की मृदूतक कोशिकाओं के श्लथ (Flaccid) होने के कारण होती है । टाँगों को मोड़ना एवं फैलाना पेशियों की सहायता से किया जाता है ।
4. छुई-मुई पादप में पाई जाने वाली गति को स्पर्शानुकुंचन गति कहते है । टाँगों में होने वाली गति को ऐच्छिक गति कहते है ।

 

3 thoughts on “class 10 NCERT Science chapter-7 text book question and answer part-2//Control and Coordination

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