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Animal Tissue and its types #जन्तु ऊतक और उसके प्रकार #g.k. science

जन्तु ऊतक 

जंतु उतक (Animal Tissue) – बहुकोशिकीय प्राणियो मे समान कोशिकाओं का समूह, अंतरकोशिकीय पदार्थों सहित एक विशेष कार्य करता है, कोशिकाओं का ऐसा संगठन उतक कहलाता है । जंतुओं के शरीर में पाए जाने वाले उतकों को हम निम्न श्रेणियों में बाँट सकते हैं –

1. उपकला उतक (Epithelial Tissue) – ये उतक जंतु की बाहरी , भीतरी या स्वतंत्र सतहों पर पाए जाते हैं । इसमें रूधिर कोशिकाओं का अभाव होता है, जिसके कारण इस उतक की कोशिकाओं का पोषण विसरण के माध्यम से लसिका द्वारा होता है । यह शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों में पाया जाता है, जैसे – त्वचा की बाह्य सतह, ह्रदय, फेफड़ों एवं वृक्क के चारों ओर तथा यकृत एवं जनन ग्रंथियों के दीवार आदि पर । यह उत्तक शरीर के अंतरांगों को चोट से बचाता है तथा उन्हें नम बनाए रखता है ।

2. संयोजी उतक (Connective Tissue) – यह उतक शरीर के अन्य उतकों तथा अंगों को आपस में जोड़ने का कार्य करता है । तरल संयोजी उतक (जैसे – रक्त एवं लसिका) संवहन ऑके कार्य में भी सहायक होता है । यह शरीर के तापक्रम को नियंत्रित करता है तथा मृत कोशिकाओं को नष्ट करके मृत उतकों एवं कोशिकाओं की पूर्ति करता है ।

⦁ संयोजी उतक में कोमल उतक से लेकर विशेष प्रकार के उतक जैसे – उपास्थि, अस्थि, वसीय उतक तथा रक्त सम्मिलित हैं । रक्त को छोड़कर सभी संयोजी उतक में कोशिका संरचनात्मक प्रोटीन तंतु स्रावित करती हैं , जिसे कोलेजन या इलास्टिन कहते हैं ।

⦁ नाभि रज्जु प्रौढ़ संयोजी उतक है ।

⦁ प्राणियों एडिपोसाइट संयोजी उतक में वसा संग्रहित होती है ।

3. पेशी उतक (Muscle Tissue) – इसे संकुचनशील उतक (contractile tissue) के नाम से भी जाना जाता है । शरीर की सभी पेशियाँ इसी उतक से मिलकर बनी होती हैं । पेशी उतक तीन प्रकार के होते हैं –

अ) रेखित पेशी (Striped muscle tissue) – इसे कंकालीय पेशी उतक भी कहते हैं ,क्योंकि ये शारीरिक कंकाल अवयवों के निकट संपर्क में होते हैं । सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखने पर इनमें धारियाँ दिखती हैं अतः इन्हें रेखित पेशी कहते हैं । चूँकि इनकी क्रियाओं का तंत्रिका तंत्र द्वारा ऐच्छिक नियंत्रण होता है ,अतः इन्हें ऐच्छिक पेशी भी कहते हैं । प्रायः इन पेशियाों के एक या दोनों सिरे रूपांतरित होकर टेण्डन के रूप में अस्थियों से जुड़े होते है ।
ये मुख्य रूप से चलन क्रिया और शारीरिक क्रिया बदलने में सहायक होते हैं ।

ब) अरेखित पेशी उतक (unstriped muscle tissue) – यह पेशी उतक उन अंगों की दीवारों पर पाया जाता है, जो अनैच्छिक रूप से गति करते हैं , जैसे – आहारनाल, मलाशय, मूत्राशय, रक्त-रक्त वाहिनियाँ आदि । अरेखित पेशियाँ उन सभी अंगों की गतियों को नियंत्रण करती हैं, जो स्वयंमेव गति करते हैं ।

स) ह्रदयक पेशी उतक (Cardiac muscle tissue) – ये पेशियाँ केवल ह्रदय की दीवारों में पायी जाती हैं । ह्रदय की गति इन्हीं पेशियों के कारण होती हैं , जो बिना रूके जीवनपर्यन्त गति करती हैं । संरचना की दृष्टि से यह रेखित पेशी उतक से मिलती-जुलती है ।

⦁ मानव शरीर में मांसपेशियों की संख्या 639 होती है ।

⦁ मानव शरीर की सबसे बड़ी मांसपेशी ग्लूटियस मैक्सिमस (कूल्हा की मांसपेशी) है ।

⦁ मानव शरीर की सबसे छोटी मांसपेशी स्टैपिडियस है ।

4. तंत्रिका उतक (Nerve tissue) – इसे चेतना उतक भी कहते हैं । जीवों का तंत्रिका तंत्र इन्हीं उतकों का बना होता है । यह दो विशिष्ट प्रकार की कोशिकाओं का बना होता है –
अ) तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन्स)
ब) न्यूरोग्लिया
यह उतक शरीर में होने वाली सभी ऐच्छिक और अनैच्छिक क्रियाओं का नियंत्रित करता है । न्यूरोग्लिया कोशिकाएँ मस्तिष्क की गुहा को आस्तरित करती हैं ।

नोट – जन्म के बाद मानव के तंत्रिका उतक में कोशिका विभाजन नहीं होता है ।

 

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