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class 10 NCERT Science chapter-12 text book question and answer part-2//Electricity

प्रश्न-11. यह दर्शाइए कि आप 6 Ω प्रतिरोध के तीन प्रतिरोधकों को किस प्रकार संयोजित करेंगे कि प्राप्त संयोजन का प्रतिरोध (i) 9 Ω (ii) 4 Ω (ओम)  हो ।
उत्तर- (i) 9 ओम प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए दो प्रतिरोधकों को पार्श्वक्रम में तथा एक प्रतिरोधक को श्रेणीक्रम में जोड़ना चाहिए ।

पार्श्वक्रम में संयोजित प्रतिरोधों का प्रतिरोध
1/RP = 1/R1 + 1/R2
1/RP = 1/6 + 1/6
1/RP = 2/6
1/RP = 1/3
या RP = 3 ओम
चूँकि RP = 3 ओम का प्रतिरोध R3= 6 ओम के प्रतिरोध के साथ श्रेणीक्रम में है अतः परिपथ का कुल प्रतिरोध
Rकुल = RP + R3
Rकुल = 3 + 6
Rकुल = 9 Ω

(ii) 4 ओम प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए पहले 6-6 ओम के दो प्रतिरोधकों को श्रेणीक्रम में जोड़ेंगे और 6 ओम के तीसरे प्रतिरोधक को दोनों प्रतिरोधकों के पार्श्वक्रम में जोड़ेंगे ।

अतः श्रेणीक्रम में जुड़े प्रतिरोधकों का प्रतिरोध
RS = R1 + R2
RS = 6 + 6
RS = 12 ओम
चूँकि RS = 12 ओम का प्रतिरोध R3= 6 ओम के प्रतिरोध के साथ पार्श्वक्रम में संयोजित है । अतः परिपथ का कुल प्रतिरोध
1/Rकुल = 1/RS + 1/R3
1/Rकुल = 1/12 + 1/6
1/Rकुल = 3/12
1/Rकुल = 1/4
या Rकुल = 4 ओम

प्रश्न-12. 220 V की विद्युत लाइन पर उपयोग किे जाने वाले बहुत से बल्बों का अनुमतांक 10 W है । यदि 220 V लाइन से अनुमत अधिकतम विद्युत धारा 5 A तो इस लाइन के दो तारों के बीच कितने बल्ब पार्श्वक्रम में संयोजित किए जा सकते हैं ।
उत्तरमाना n बल्बों को पार्श्वक्रम में जोड़ा जाता है ,तब परिपथ में कुल शक्ति व्यय
P = n × एक बल्ब की शक्ति
P = n ×10 W              समी. 1
दिया है – V = 220 V
I = 5 A
P = V I
P = 220 V× 5A            समी. 2
समी.1 व समी. 2 से
n ×10 W = 220 V× 5A
n ×10 = 1100
n = 1100/10
n = 110
अतः 110 बल्बों को पार्श्वक्रम में जोड़ा जा सकता है ।

प्रश्न-13. किसी विद्युत भट्टी की तप्त प्लेट दो प्रतिरोधक कुंडलियों A तथा B की बनी हैं जिनमें प्रत्येक का प्रतिरोध 24 ओम है तथा इन्हें पृथक-पृथक, श्रेणीक्रम में अथवा पार्श्वक्रम में संयोजित करके उपयोग किया जा सकता है । यदि यह भट्टी 220 V विद्युत स्रोत से संयोजित की जाती है तो तीनों प्रकरणों में प्रवाहित विद्युत धाराएँ क्या हैं ।
उत्तर- दिया गया है –
V = 220 V
कुंडलियों का प्रतिरोध R1=R2= 24 ओम
प्रथम स्थिति में ,जब किसी एक ही कुण्डली का प्रयोग किया जाता है , तब
कुल प्रतिरोध R=R1= 24 ओम
ली गई धारा I = V/R
I = 220/24
I = 9.17 A

द्वितीय स्थिति में जब दोनों कुण्डलियों को श्रेणीक्रम में प्रयोग किया जाता है ,तब कुल प्रतिरोध
R = R1 + R2
R = 24+24 = 48 ओम
ली गई धारा I = V/R
I = 220/48
I = 4.58 A

तृतीय स्थिति में ,जब दोनों कुण्डलियों को पार्श्वक्रम में संयोजित किया जाता है ,तब
कुल प्रतिरोध 1/R = 1/R1 + 1/R2
1/R = 1/24 + 1/24
1/R = 2/24
या R = 24/2
R = 12 ओम
ली गई धारा I = V/R
I = 220/12
I = 18.33 A

प्रश्न-14. निम्नलिखित परिपथों में प्रत्येक में 2 ओम प्रतिरोधकों द्वारा उपभुक्त शक्तियों की तुलना कीजिए –
(i) 6 V की बैटरी से संयोजित 1 ओम तथा 2 ओम श्रेणीक्रम संयोजन
(ii) 4 V बैटरी से संयोजित 12 ओम तथा 2 ओम का पार्श्वक्रम संयोजन
उत्तर- (i) जब 1 ओम तथा 2 ओम प्रतिरोधक को 6 V की बैटरी के साथ श्रेणीक्रम संयोजन में जोड़ा जाता है ,तब कुल प्रतिरोध का मान
R = R1 + R2
R = 1+ 2
R = 3 ओम
परिपथ में धारा का मान ओम नियम से
I = V/R
I = 6/3
I = 2 A
श्रेणीक्रम में प्रत्येक प्रतिरोध में धारा समान अर्थात् 2 A ही प्रवाहित होगी । अतः 2 ओम के प्रतिरोधक द्वारा उपभुक्त शक्ति –
P1 = I2 R
P1 = (2)2 ×2
P1 = 8 W

(ii) चूँकि 12 ओम एवं 2 ओम के प्रतिरोधकों को पार्श्वक्रम में जोड़ा गया है ,अतः प्रत्येक प्रतिरोध के सिरों के बीच एक ही विभवांतर 4V होगा ।
2 Ω के प्रतिरोध द्वारा उपभुक्त शक्ति –
P2 = V2/R
P2 = (4)2/2
P2 = 8 W
अतः दोनों दशाओं में 2 ओम प्रतिरोधक में समान शक्ति खर्च होगी ।

प्रश्न-15. दो विद्युत लैम्प जिनमें से एक का अनुमतांक 100 W ; 220 V तथा दूसरे का 60 W ; 220 V है ,विद्युत मेंस के साथ पार्श्वक्रम में संयोजित है । यदि विद्युत आपूर्ति की वोल्टता 220 V है तो विद्युत मेंस से कितनी धारा ली जाती है ।
उत्तर- दिया गया है –
P1 = 100 W
P2 = 60 W
V = 220 V
माना पहले लैम्प के लिए प्रतिरोध = R1
तथा दूसरे लैम्प के लिए प्रतिरोध = R2
चूँकि P = V2/R
अतः R = V2/P
अतः R1 = V2/P1
R1 = (220)2/100
R1 = 484 ओम
इसी प्रकार
R2 = V2/P2
R2 = (220)2/60
R2 = 2420/3 ओम
दोनों को पार्श्वक्रम में जोड़ने पर संयोजन का प्रतिरोध R है, तो
1/R = 1/R1 + 1/R2
1/R = 1/484 + 3/2420
1/R = 8/2420
या R = 2420/8
R = 302.5 ओम
लाइन वोल्टेज V = 220 V
लाइन से ली गई धारा –
I = V/R
I = 220/302.5
I = 0.73 A

प्रश्न-16. किसमें अधिक विद्युत ऊर्जा उपभुक्त होती है -250 W का टी.वी. सेट जो एक घंटे तक चलाया जाता है अथवा 120 W का विद्युत हीटर जो 10 मिनिट के लिए चलाया जाता है ।
उत्तर- दिया गया है –
टी.वी. सेट के लिए
P1 = 250 W
t1 = 1 hour = 60*60 seconds
t1 = 3600 seconds
अतः टी.वी सेट के द्वारा उपभुक्त ऊर्जा
H1 = P1 × t1
H1 = 250 × 3600
H1 = 900000
H1 = 9×105 J
विद्युत हीटर के लिए –
P2 = 120 W
t2 = 10 मिनिट = 10*60 seconds
t2 = 600 seconds
विद्युत हीटर द्वारा उपभुक्त ऊर्जा –
H2 = P2 × t2
H2 = 120 * 600
H2 = 72000 J
H2 = 7.2×104 J
अतः स्पष्ट है कि H1 > H2
अतः टी.वी. सेट के द्वारा अधिक ऊर्जा उपभुक्त की जाएगी ।

प्रश्न-17. 8 ओम प्रतिरोध का कोई विद्युत हीटर विद्युत मेंस से 2 घंटे तक 15 A विद्युत धारा लेता है । हीटर मे उत्पन्न ऊष्मा की दर परिकलित कीजिए ।
उत्तर- दिया गया है –
R = 8 ओम
I = 15 A
विद्युत हीटर में ऊष्मा उत्पन्न होने की दर या विद्युत हीटर की शक्ति –
P = I2R
P = (15)2 × 8
P = 225×8
P = 1800 W

प्रश्न-18. निम्नलिखित को स्पष्ट कीजिए –
(a) विद्युत लैम्पों के तंतुओं के निर्माण में प्रायः एकमात्र टंगस्टन का ही उपयोग क्यों किया जाता है ।
(b) विद्युत तापन युक्तियों जैसे ब्रेड-टोस्टर तथा विद्युत इस्तरी के चालक ,शुद्ध धातुओं के स्थान पर मिश्रधातुओं के क्यों बनाए जाते हैं ।
(c) घरेलु विद्युत परिपथों में श्रेणीक्रम संयोजन का उपयोग क्यों नहीं किया जाता है ।
(d) किसी तार का प्रतिरोध उसकी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल में परिवर्तन के साथ किस प्रकार परिवर्तित होता है ।
(e) विद्युत संचारण के लिए प्रायः कॉपर तथा ऐलुमिनियम के तारों का उपयोग क्यों किया जाता है ।
उत्तर-
(a) टंगस्टन का गलनांक तथा प्रतिरोध बहुत अधिक होता है । अतः यह विद्युत लैम्पों के तंतुओं के निर्माण में उपयोग किया जाता है । अधिक प्रतिरोध के कारण इसमें अत्यधिक मात्रा में ऊष्मा का उत्पादन होता है, जिसके कारण तंतु चमकने लगते हैं और प्रकाशित हो जाते हैं ।
(b) ब्रेड-टोस्टर तथा विद्युत इस्तरी के चालक (चालक तार) शुद्ध धातुओं के स्थान पर मिश्र धातुओं के बनाए जाते हैं क्योंकि मिश्र धातुओं की प्रतिरोधकता तथा गलनांक शुद्ध धातुओं से अधिक होते हैं । इनका शीघ्र ऑक्सीकरण नहीं होता और ये उच्च तापमान को भी सह सकते हैं । इसी कारण इनका उपयोग किया जाता है ।
(c) घरेलु विद्युत परिपथों में श्रेणीक्रम संयोजन का उपयोग नहीं किया जाता है क्योंकि श्रेणीक्रम में प्रतिरोध बहुत अधिक (R1 +R2 +R3 + ……) हो जाता है । अधिक प्रतिरोध के कारण परिपथ में प्रवाहित विद्युत धारा की मात्रा बहुत कम हो जाती है । ऐसी अवस्था में सारे घर के बल्ब,पंखे आदि एक ही स्विच से चलेंगे । उन्हें स्वतंत्र रूप से चलाया व बंद नहीं किया जा सकेगा ।
(d) तार का प्रतिरोध उसकी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है । अर्थात्
R समानुपाती 1/A
(e) कॉपर तथा ऐलुमिनियम के तारों का प्रतिरोध न्यूनतम होता है ,इसलिए इनका प्रयोग विद्युत संचारण के लिए प्रयुक्त तारों में किया जाता है ।

 

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