Hindi science

class 10 NCERT Science chapter-11 text book question and answer part-2//Human Eye and Colourful World

प्रश्न-8. सामान्य नेत्र 25 cm से निकट रखी वस्तुओं को सुस्पष्ट क्यों नहीं देख पाता है ।
उत्तर- 25 cm से कम दूरी पर रखी हुई वस्तु से आने वाली प्रकाश की किरणों की दृष्टिपटल पर फोकस करने के लिए मानव नेत्र की क्षमता में जितनी वृद्धि होनी चाहिए ,उतनी नहीं हो पाती है , क्योंकि मानव नेत्र की फोकस दूरी 25 cm से कम नहीं हो सकती है । इस कारण नेत्र लैंस वस्तु का प्रतिबिंब रेटिना पर नहीं बना पाता है, जिससे वस्तु स्पष्ट दिखाई नहीं देती है ।

प्रश्न-9. जब हम नेत्र से किसी वस्तु की दूरी को बढ़ा देते हैं तो नेत्र में प्रतिबिंब-दूरी का क्या होता है ।
उत्तर- जब हम नेत्र से किसी वस्तु की दूरी को बढ़ा देते हैं तो समंजन गुण के कारण प्रतिबिंब रेटिना पर ही बनता है । अतः नेत्र में बने प्रतिबिंब की दूरी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है ।

प्रश्न-10. तारे क्यों टिमटिमाते हैं ।
उत्तर- तारों से आने वाला प्रकाश हमारी आँख तक पहुँचने से पहले वायुमण्डल की विभिन्न परतों से गुजरता है । इन परतों का घनत्व, ताप में परिवर्तन के कारण अनियमित रूप से बदलता रहता है, जिस कारण से अपवर्तनांक भी परिवर्तित होता रहता है । अपवर्तनांक परिवर्तन के कारण तारों से आने वाली किरणें लगातार अपना मार्ग बदलती रहती हैं तथा हमारी आँख तक पहुँचने वाले प्रकाश की मात्रा भी बदलती रहती है, जिस कारण तारे टिमटिमाते हुए दिखाई देते हैं ।

प्रश्न-11. व्याख्या कीजिए कि ग्रह क्यों नहीं टिमटिमाते ।
उत्तर- ग्रह तारों की अपेक्षा पृथ्वी के बहुत करीब हैं और इसलिए उन्हें विस्तृत स्रोत की तरह माना जा सकता है । यदि हम ग्रह को बिन्दू आकार के अनेक प्रकाश के स्रोतों को संग्रह मान लें तो सभी बिन्दू आकार के प्रकाश-स्रोतों से हमारे नेत्रों में प्रवेश करने वाले प्रकाश की मात्रा में कुल परिवर्तन का औसत मान शून्य होगा , इसी कारण वे टिमटिमाते प्रतीत नहीं होते ।

प्रकाश-12. सूर्योदय के समय सूर्य रक्ताभ क्यों प्रतीत होता है ।
उत्तर- सूर्योदय व सूर्यास्त के समय प्रकाश की किरणें अधिक दूरी तय करके हमारी आँख तक पहुँचती है । इन किरणों के मार्ग में धूल के कणों तथा वायु अणुओं द्वारा प्रकाश किरणों का अधिक प्रकीर्णन होता है ।
इस प्रकीर्णन के कारण नीली व बैंगनी किरणें निकल (बिखर) जाती है क्योंकि इनका प्रकीर्णन सबसे अधिक होता है । इस प्रकार हमारी आँख तक लाल किरणें ही पहुँच पाती है । फलस्वरूप सूर्य उदय व अस्त होते समय लाल दिखाई देता है ।

प्रश्न-13. किसी अंतरिक्ष यात्री को आकाश नीले की अपेक्षा काला क्यों प्रतीत होता है ।
उत्तर- वायुमण्डल में प्रकीर्णन के कारण फैले हुए नीले प्रकाश के कारण, पृथ्वी तल पर खड़े किसी व्यक्ति को आकाश का रंग नीला दिखाई देता है ।
परन्तु जब कोई अन्तरिक्ष यात्री पृथ्वी के वायुमण्डल से बाहर निकल जाता है, तब वहाँ निर्वात में सूर्य के प्रकाश का प्रकीर्णन नहीं हो पाता है, जिस कारण अन्तरिक्ष यात्री को आकाश नीले की अपेक्षा काला प्रतीत होता है ।

Open chat
1
Hi, How can I help you?