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10th class NCERT/CBSE Science chapter-12-पाठगत प्रश्नों के हल || Electricity

अध्याय-12
विद्युत (Electricity)

प्रश्न-1. विद्युत परिपथ का क्या अर्थ है ।
उत्तर- किसी विद्युत धारा के सतत तथा बन्द पथ को विद्युत परिपथ कहते है ।
इसमें एक विभवान्तर स्रोत अथवा विद्युत ऊर्जा स्रोत (अर्थात् सेल अथवा बैट्री) तथा एक विद्युत ऊर्जा को व्यय करने वाला उपकरण अवश्य लगा रहता है ।

प्रश्न-2. विद्युत धारा के मात्रक की परिभाषा लिखिए ।
उत्तर- विद्युत धारा का SI मात्रक ऐम्पियर (A) होता है ।
सूत्र – I = Q/t
यदि Q = 1C , t = 1 sec. हो तो
I = 1 A
अतः यदि किसी चालक से एक कूलॉम आवेश प्रति सैकण्ड की दर से प्रवाहित होता है तो उस चालक में बहने वाली धारी का मान 1 ऐम्पियर (A) होता है ।

प्रश्न-3. एक कूलॉम आवेश की रचना करने वाले इलेक्ट्रोनों की संख्या परिकलित कीजिए ।
उत्तर- हम जानते है कि –
एक इलेक्ट्रॉन (e) पर आवेश = 1.6 × 10-19 कूलॉम (C)
माना एक कूलॉम(C) की रचना करने वाले इलेक्ट्रोनों की संख्या है = n
तो 1C = n ×1.6 ×10-19 C
or   n = 1 C /1.6× 10-19 C
or   n = 1019 /1.6
  n = 0.625×1019
or  n = 6.25×1018
अतः एक कूलॉम आवेश में आवेश में इलेक्ट्रोनों की संख्या है = 6.25 × 1018

प्रश्न-4. उस युक्ति का नाम लिखिए जो किसी चालक के सिरों पर विभवांतर बनाए रखने में सहायता करती है ।
उत्तर- विद्युत सेल या बैट्री

प्रश्न-5. यह कहने का क्या तात्पर्य है कि दो बिन्दूओं के बीच विभवांतर 1V है ।
उत्तर- इसका अर्थ है कि किसी विद्युत धारावाही चालक के दो बिन्दुओं के बीच एक कूलॉम आवेश को एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक ले जाने में 1 जूल कार्य करना होगा ।
चूँकि V = W/Q
V = 1/1 = 1V

प्रश्न-6. 6V बैट्री से गुजरने वाले एक कूलॉम आवेश को कितनी ऊर्जा दी जाती है ।
उत्तर- चूँकि V = W/Q
अतः W = V× Q
W = 6 V×1C
W = 6 जूल
अतः प्रत्येक कूलॉम आवेश को 6 जूल (J) ऊर्जा दी जाती है ।

प्रश्न-7. किसी चालक पदार्थ का प्रतिरोध किन कारकों पर निर्भर करता है ।
उत्तर- किसी चालक पदार्थ का प्रतिरोध निम्न कारकों पर निर्भर करता है –
1. चालक की लंबाई (l) पर ।
2. चालक के अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल (A) पर ।
3. प्रतिरोध पदार्थ की प्रकृति तथा चालक के तापमान पर ।
किसी चालक का प्रतिरोध (R) उसकी लंबाई (l) के अनुक्रमानुपाती (समानुपाती) तथा उसके अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल (A) व्युत्क्रमानुपाती होता है । अर्थात्
R ∝l  …..समी. 1
R ∝ 1/A   …..समी. 2
समीकरण (समी.) 1 व 2 से
R∝ l/A

यहाँ ρ (रो) एक आनुपातिक स्थिरांक है ,जिसे चालक के पदार्थ की वैद्युत प्रतिरोधकता कहते है ।

प्रश्न-8. समान पदार्थ के दो तारों में यदि एक पतला तथा दूसरा मोटा हो तो इनमें से किसमें विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित होगी जबकि उन्हें समान विद्युत स्रोत से संयोजित किया जाता है । क्यों ।
उत्तर- तार का प्रतिरोध R ∝ 1/A
चूँकि मोटे तार का अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल अधिक है अतः इसका प्रतिरोध कम होगा इसलिए मोटे तार से धारा आसानी से प्रवाहित हो जाएगी ।

प्रश्न-9. मान लिजिए किसी वैद्युत अवयव के दो सिरों के बीच विभवांतर को उसके पूर्व के विभवांतर की तुलना में घटाकर आधा कर देने पर भी उसका प्रतिरोध नियत रहता है । तब अवयव से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा में क्या परिवर्तन होगा ।
उत्तर- प्रारंभ में धारा I = V/R
नया विभवांतर V’ = V/2
विभवांतर आधा करने पर धारा का मान होगा –
I’ = V’/R
I’ = V/2R
चूँकि I = V/R
अतः I’ = I/2
अतः उपकरण में विभवांतर का मान आधा करने पर धारा भी आधी रह जाएगी ।

प्रश्न-10. विद्युत टोस्टरों तथा विद्युत इस्तरियों के तापन अवयव शुद्ध धातु के न बनाकर किसी मिश्र धातु के क्यों बनाए जाते है ।
उत्तर- मिश्र धातुओं की प्रतिरोधकता उनकी अवयवी धातुओं की अपेक्षा अधिक होती है तथा इनका उच्च ताप पर शीघ्र ही उपचयन (दहन) नहीं होता । इसलिए विद्युत टोस्टरों तथा विद्युत इस्तरियों के तापन अवयव मिश्र धातुओं के बनाए जाते है ।

प्रश्न-11. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर पाठ्यपुस्तक की तालिका 12.2 में दिए गये आँकड़ों के आधार पर दीजिए ।
(a) आयरन (Fe) तथा मर्करी ( Hg) में कौन अच्छा विद्युत का चालक है ।
(b) कौन-सा पदार्थ सर्वश्रेष्ठ चालक है ।
उत्तर- (a) वह धातु अच्छी चालक होगी जिसकी प्रतिरोधकता कम होती है चूँकि लोहे की प्रतिरोधकता का मान 10×10-8 ओम मीटर तथा मर्करी की प्रतिरोधकता का मान 94×10-8 ओम मीटर होता है । अतः आयरन , मर्करी की अपेक्षा विद्युत का अच्छा चालक है ।
(b) सारणी के आधार पर सिल्वर (Ag) सर्वोत्तम चालक है क्योंकि इसकी प्रतिरोधकता का मान 1.60×10-8 ओम मीटर है जो कि सबसे कम है ।

प्रश्न-12. किसी विद्युत परिपथ का व्यवस्था आरेख खींचिए जिसमें 2V के तीन सेलों की बैट्री , एक 5 ओम प्रतिरोधक , एक 8 ओम प्रतिरोधक ,एक 12 ओम प्रतिरोधक तथा एक प्लग कुंजी सभी श्रेणीक्रम में संयोजित हों ।
उत्तर-

प्रश्न-13. प्रश्न 12 का परिपथ दुबारा खींचिए तथा इसमें प्रतिरोधकों से प्रवाहित विद्युत धारा को मापने के लिए ऐमीटर तथा 12 ओम के प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर लगाइए । ऐमीटर तथा वोल्टमीटर के क्या पाठ्यांक होंगे ।
उत्तर-

परिपथ में 5 ओम, 8 ओम तथा 12 ओम के प्रतिरोध श्रेणीक्रम में जुड़े हैं अतः परिपथ का कुल प्रतिरोध –
R = R1 + R2 + R3
R = 5 + 8 + 12
R = 25 ओम
चूँकि बैट्री में तीन सेल श्रेणीक्रम में जुड़ी है अतः बैट्री का विभवांतर
V = 2 + 2+ 2
V = 6V
परिपथ में धारा I = V/R
I = 6/25
I = 0.24 A
अतः ऐमीटर का पाठ्यांक 0.24 A होगा ।
12 ओम के प्रतिरोध के सिरों पर लगे वोल्टमीटर का पाठ्यांक निम्न होगा –
V = I × R3
V = 0.24 × 12
V = 2.88 V

प्रश्न-14. जब (a) 1 ओम तथा 106 ओम (b) 1 ओम , 103 ओम तथा 106 ओम के प्रतिरोध पार्श्वक्रम में संयोजित किए जाते है तो इनके तुल्य प्रतिरोध के संबंध में आप क्या निर्णय करेंगे ।
उत्तर- (a) दिया गया है –
R1 = 1 ओम
R2 = 106 ओम या 10,00,000
पार्श्वक्रम (समान्तर क्रम) संयोजन में तुल्य प्रतिरोध –
1/R = 1/R1 + 1/R2
1/R = 1/1 + 1/10,00,000
1/R = 10,00,001/10,00,000
or R = 10,00,000/10,00,001
R = 0.9999 ओम
(b) दिया है –
R1 = 1 ओम
R2 = 103 या 1000 ओम
R3 = 106 ओम या 10,00,000 ओम
समांतर क्रम संयोजन में क तुल्य प्रतिरोध
1/R = 1/R1 + 1/R2 + 1/R 3           
1/R = 1/1 + 1/1000 + 1/10,00,000
1/R = 1001001/10,00,000
or R = 10,00,000/1001001
R = 0.999 ओम
इस प्रकार तुल्य प्रतिरोध का मान समान्तर क्रम संयोजन में जुड़े अल्पत्तम प्रतिरोध से भी कम होता है ।

प्रश्न-15. 100 ओम का एक विद्युत लैम्प ,50 ओम का एक विद्युत टोस्टर तथा 500 ओम का एक जल फिल्टर 220 वोल्ट के विद्युत स्रोत से पार्श्वक्रम में संयोजित है । उस विद्युत इस्तरी का प्रतिरोध क्या है जिसे यदि समान स्रोत के साथ संयोजित कर दें तो वह उतनी ही विद्युत धारा लेती है जितनी तीनों युक्तियाँ लेती है । यह भी ज्ञात कीजिए कि इस विद्युत इस्तरी से कितनी विद्युत धारा प्रवाहित होती है ।
उत्तर- दिया है – V = 220 V
विद्युत लैम्प का प्रतिरोध R1 = 100 ओम
विद्युत टोस्टर का प्रतिरोध R2 = 50 ओम
जल फिल्टर का प्रतिरोध R3 = 500ओम
चूँकि विद्युत इस्तरी उतनी ही धारा लेती है जितनी तीनों युक्तियाँ लेती है अतः तीनों युक्तियों द्वारा ली गई विद्युत धारा परिपथ में प्रवाहित विद्युत धारा के तुल्य होगी –
I = V/RP (RP = तुल्य प्रतिरोध)
1/RP = 1/R1 + 1/R2 + 1/R3
1/RP = 1/100 + 1/50 + 1/500
1/RP = 16/500
or   RP = 500/16
RP = 31.25 ओम
अतः I = V/RP
I = 220/31.25
I = 7.04 A
अतः विद्युत इस्तरी में प्रवाहित विद्युत धारा I = 7.04 A होगी ।
चूँकि विद्युत इस्तरी समान स्रोत के साथ संयोजित है अतः इसका प्रतिरोध निम्न होगा –
R = V/I
R = 220/7.04
R = 31.25 ओम

प्रश्न-16. श्रेणीक्रम में संयोजित करने के स्थान पर वैद्युत युक्तियों को पार्श्वक्रम में संयोजित करने के क्या लाभ है ।
उत्तर- उपकरणों को पार्श्वक्रम में जोड़ने से निम्न लाभ होते है –
i. समान्तर क्रम (पार्श्वक्रम) में संयोजित विद्युत उपकरणों में से कोई उपकरण फ्यूज हो जाता है तब अन्य उपकरणों का कार्य बाधित नहीं होता है ।
ii. जब विभिन्न उपकरण समान्तर क्रम में संयोजित किये जाते है तब प्रत्येक उपकरण अपनी आवश्यकता के अनुसार धारा ग्रहण करते है । परिणामतः वे अच्छी प्रकार से कार्य करते है ।
iii. उपकरणों को पार्श्वक्रम में जोड़ने पर सभी उपकरणों को समान विभवांतर प्राप्त होता है ।

प्रश्न-17. 2 ओम, 3 ओम तथा 6 ओम के तीन प्रतिरोधों को किस प्रकार संयोजित करेंगे कि संयोजन का कुल प्रतिरोध (a) 4 ओम , (b) 1 ओम हो ।
उत्तर- (a) यदि हम 3 ओम तथा 6 ओम के प्रतिरोधों को समान्तर क्रम में संयोजित कर दें और इसके साथ 2 ओम के प्रतिरोध को श्रेणीक्रम में संयोजित कर दें तो हमें तुल्य प्रतिरोध का मान 4 ओम प्राप्त हो जायेगा जैसा परिपथ आरेख में दिखाया गया है ।

3 ओम तथा 6 ओम पार्श्वक्रम में है अतः इनका तुल्य प्रतिरोध (RP ) –
1/RP = 1/3 + 1/6
1/RP = 3/6
or    RP = 6/3 = 2 ओम
यह RP = 2 ओम का प्रतिरोध 2 ओम के साथ श्रेणीक्रम में जुड़ा है । अतः
तुल्य प्रतिरोध R = R1 + RP
R = 2 + 2
R = 4 ओम
(b) यदि तीनों प्रतिरोधों को समानान्तर क्रम में संबद्ध किया जायेगा तब हमें 1 ओम का तुल्य प्रतिरोध प्राप्त होगा ।
अतः 1/RP = 1/R1 + 1/R2 + 1/R3
1/RP = 1/2 + 1/3 + 1/6
1/RP = 6/6
or   RP = 6/6
RP = 1 ओम

प्रश्न-18. 4 ओम , 8 ओम ,12 ओम तथा 24 ओम प्रतिरोध की चार कुंडलियों को किस प्रकार संयोजित करें कि संयोजन से (a) अधिकतम (b) निम्नतम प्रतिरोध प्राप्त हो सके ।
उत्तर – (a) अधिकतम प्रतिरोध तब प्राप्त होता है जब दिये गए प्रतिरोधों को श्रेणीक्रम में संयोजित किया जाता है । अधिकतम प्रतिरोध –
R = R1 + R2 + R3 + R4
R = 4 + 8 + 12 + 24
R = 48 ओम
(b) न्यूनतम प्रतिरोध का मान तब प्राप्त किया जा सकता है जब दिए गए प्रतिरोधों को समान्तर क्रम में संयोजित किया जाता है । अतः न्यूनतम प्रतिरोध –
1/RP = 1/R1 + 1/R2 + 1/R3 + 1/R4
1/RP = 1/4 + 1/8 + 1/12 + 1/24
1/RP = 12/24
or   RP = 24/12
RP = 2 ओम

प्रश्न-19. किसी विद्युत हीटर की डोरी क्यों उत्तप्त नहीं होती है जबकि उसका तापन अवयव उत्तप्त हो जाता है ।
उत्तर- विद्युत हीटर की कुंडली मिश्र धातु नाइक्रोम की बनी होती है । नाइक्रोम की प्रतिरोधकता ताँबे से बहुत अधिक होती है ,जिस कारण कुण्डली का प्रतिरोध डोरी में प्रयुक्त ताँबे के प्रतिरोध से बहुत अधिक होता है ।
विद्युत हीटर में व्यय शक्ति P = I2R
समान धारा के लिए P ∝ R
अतः विद्युत हीटर क कुंडली में डोरी की तुलना में अधिक शक्ति व्यय होती है ,जिस कारण उसकी कुंडली उत्तप्त हो जाती है ,जबकि डोरी उत्तप्त नहीं होती ।

प्रश्न-20. एक घण्टे में 50 V विभवांतर से 96000 कूलॉम आवेश को स्थानान्तरित करने में उत्पन्न उष्मा परिकलित कीजिए ।
उत्तर- दिया है V = 50 V
Q = 96000 C
चूँकि V = W/Q
अतः W = VQ
W = 50×96000
W = 48,000,00 J
or   W = 4.8 ×106 J

प्रश्न-21. 20 ओम प्रतिरोध की कोई विद्युत इस्तरी 5A विद्युत धारा लेती है । 30 सेकण्ड में उष्मा परिकलित कीजिए ।
उत्तर- दिया है –
R = 20 ओम
I = 5A
t = 30 s
उत्पन्न उष्मा की मात्रा का सूत्र H = I2Rt
अतः H = (5)2×20 × 30
H = 25 ×20 × 30
H = 15000 जूल
or   H = 1.5×104 J

प्रश्न-22. विद्युत धारा द्वारा प्रदत्त ऊर्जा की दर का निर्धारण कैसे किया जाता है ।
उत्तर- विद्युत शक्ति के द्वारा

प्रश्न-23. कोई विद्युत मोटर 220 V के विद्युत स्रोत से 5.0 A विद्युत धारा लेता है । मोटर की शक्ति निर्धारित कीजिए तथा 2 घण्टे में मोटर द्वारा उपयुक्त ऊर्जा परिकलित कीजिए ।
उत्तर- दिया है –
V = 220V
I = 5A
t = 2 घण्टे या t = 2×60×60 Sec.
मोटर की शक्ति P = VI
P = 220 × 5
P = 1100 वाट
अतः 2 घण्टे में मोटर द्वारा व्यय ऊर्जा –
चूँकि P = W/t
W = Pt
W = 1100 वाट ×2 घण्टा
W = 2200 वाट घण्टा
समय सैकण्ड में रखने पर
W = 1100 वाट × 2×60×60 Sec
W = 7920000 J
W = 7.92× 106 J
or   W = 7.92 ×103 KJ (किलो जूल)

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