रक्त स्कंदन कारक (Blood clotting factor) : GK Science in Hindi
शरीर में चोट लगने पर जब रक्त प्रवाह होता है तो शरीर में उपस्थित विभिन्न रक्त कारक और प्रोटीन रक्त का अधिक प्रवाह होने से रोकते है, इसके लिए चोटग्रस्त स्थान पर रक्त का थक्का बनता है
ब्लड क्लॉट यानी खून का थक्का अपने आप बनता है। सामान्य प्रक्रिया में यह क्षतिग्रस्त नलिकाओं की मरम्मत करने का भी काम करता है। ऐसा न हो तो चोट लगने पर शरीर में खून का बहाव रोकना कठिन हो जाए। हमारे प्लाज्मा में मौजूद प्लेटलेट्स और प्रोटीन, चोट की जगह पररक्त के थक्के का निर्माण करके रक्त के बहाव को रोकते हैं।
⦁ कारक-I या फाइब्रिनोजन-
खोज-विर्चोव द्वारा । फाइब्रिनोजन प्लाज्मा में पाया जाने वाला एक ग्लाइकोप्रोटीन है ।इसका संश्लेषण यकृत द्वारा होता है । अघुलनशील अवस्था में पाया जाता है । स्कंदन के समय अघुलनशील फाइब्रीन में बदलता है ।
⦁ कारक-II
खोज-श्मिट्ड द्वारा । यह रक्त प्लाज्मा में पाया जाने वाला ग्लाइकोप्रोटीन है । इसका निर्माण यकृत में होता है । संश्लेषण के लिए विटामिन-K की आवश्यकता होती है ।
⦁ कारक-III या थ्रोम्बोप्लास्टिन-
यह एक लिपोप्रोटीन है । यह थ्रोम्बोसाइटिस व उत्तक कोशिकाओं में निष्क्रिय प्रोथ्रोम्बोप्लास्टिन के रूप में पाया जाता है । कारक-VII या प्रोकन्वर्टिन की उपस्थिति में यह सक्रिय थ्रोम्बोप्लास्टिन में बदल जाता है ।
⦁ कारक-IV या कैल्सियम आयन(Ca++)-
यह थ्रोम्बोप्लास्टिन निर्माण व प्रोथ्रोम्बिन के थ्रोम्बिन में रूपान्तरण के लिए आवश्यक है ।
⦁ कारक-V या प्रोएक्सिलरिन-
यह ताप अस्थिर कारक है । यह प्रोथ्रोम्बिन को थ्रोम्बिन में रूपान्तरित करने में सहायक है । प्रोथ्रोम्बोप्लास्टिन के स्रावण में भी सहायक है ।
⦁ कारक-VI या एक्सिलरिन- इस कारक को अब मान्यता नहीं है ।
⦁ कारक-VII या प्रोकन्वर्टिन-
यह स्थिर कारक कहलाता है । इसके संश्लेषण में विटामिन-K आवश्यक होता है ।
⦁ कारक-VIII या एन्टीहीमोफिलिक ग्लोबुलिन(AGH)-
यह कारक हीमोफिलिया रोग में अनुपस्थित होता है । यह एक ग्लाइकोप्रोटीन है । इसका निर्माण यकृत द्वारा होता है । यह फाइब्रिनोजन के साथ जुड़ा रहता है । अत: रक्त स्कंदन के बाद दिखाई नहीं देता है ।
⦁ कारक-IX या क्रिस्मस कारक-
अणुभार 55,400 है । यह एक ग्लाइकोप्रोटीन है । इसका निर्माण यकृत द्वारा होता है । इसके संश्लेषण के लिए विटामिन-K की आवश्यकता होती है । इसकी कमी से क्रिस्मस रोग हो जाता है ।
⦁ कारक-X या स्टुअर्ट कारक-
अणुभार 55,000 है । यह एक ग्लाइकोप्रोटीन है । इसका निर्माण यकृत द्वारा होता है । इसके संश्लेषण के लिए विटामिन-K की आवश्यकता होती है ।
⦁ कारक-XI या PTA कारक-
अणुभार 55,000 है । यह एक ग्लाइकोप्रोटीन है । इसका निर्माण यकृत द्वारा होता है । सक्रियण के लिए हेगमेन कारक आवश्यक है । कारक PTA की कमी से हीमोफिलिया C हो जाता है ।
⦁ कारक-XII या हेगमेन कारक-
यह प्लाज्मा में पाया जाने वाला एक ग्लाइकोप्रोटीन है । अणुभार 90,000 है ।
⦁ कारक-XIII या फाइब्रिन स्थिरीकारक-
इसे लेकी लॉवेन्ड कारक भी कहते है । यह एक ग्लाइकोप्रोटीन है ।अणुभार 3,20,000 है ।
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