क्लास-10 अध्याय -12 विद्युत (electricity) #class 10 ncert science chapter-12 part-3
⦁ कुछ महत्वपूर्ण बिन्दू-
1. किसी पदार्थ का प्रतिरोध तथा प्रतिरोधकता ताप परिवर्तन के साथ परिवर्तित हो जाते है ।
2. धातु तथा मिश्रधातुओं के लिए प्रतिरोधकता अत्यंत कम 10-8 से 10-6 Ωm तथा विद्युतरोधी पदार्थ ( रबड़, काँच ) के लिए बहुत उच्च 1012 से 1017 Ωm कोटी की होती है ।
3. विद्युत बल्बों के तंतुओं के निर्माण में एकमात्र धातु टंगस्टन (W) का ही उपयोग किया जाता है । जबकी कॉपर(Cu) तथा एल्युमिनियम(Al) उपयोग विद्युत संचरण के लिए उपयोग होने वाले तारों के निर्माण में किया जाता है ।
⦁ प्रतिरोधों का संयोजन- यह निम्न प्रकार का होता है ।
श्रेणीक्रम संयोजन –
जब प्रतिरोधों का एक सिरा दूसरे सिरे से मिलाकर जोड़ा जाता है तो इसे श्रेणीक्रम संयोजन कहते है । श्रेणीक्रम संयोजन में प्रत्येक प्रतिरोध में समान धारा प्रवाहित होती है ,परंतु प्रत्येक प्रतिरोध के सिरों पर विभवांतर भिन्न-भिन्न होता है ।
Veq = V1 + V2 + V3 ( V = I R )
I Req = I R1 + I R2 + I R3
I Req = I ( R1 + R2 + R3 )
Req = R1 + R2 + R3
Q. एक विद्युत लैम्प जिसका प्रतिरोध 20 Ω है , तथा एक 4 Ω प्रतिरोध का चालक 6 V बैट्री से श्रेणीक्रम में जुड़े है । a. परिपथ का कुल प्रतिरोध , b. परिपथ में प्रवाहित धारा तथा c. विद्युत लैम्प व चालक के सिरों के बीच विभवांतर परिकलित कीजिए ।
Ans.
a. परिपथ का कुल प्रतिरोध
Req = R1 + R2
Req = 4 + 20
Req = 24 Ω
b. Veq = I Req
C. चालक के सिरों पर विभवांतर
V1 = I R1
Q. किसी विद्युत परिपथ का व्यवस्था आरेख खींचिए जिसमें 2 V के तीन सेलों की बैट्री , एक 5 Ω प्रतिरोधक, एक 8 Ω प्रतिरोधक ,एक 12 Ω प्रतिरोधक तथा एक प्लग कुंजी सभी श्रेणीक्रम में संयोजित है । साथ ही कुल प्रतिरोध , परिपथ में प्रवाहित धारा तथा प्रत्येक प्रतिरोध के सिरों पर विभवांतर ज्ञात करो ।
Ans.
कुल प्रतिरोध Req = R1 + R2 + R3
Req = 5 + 8 + 12
Req = 25 Ω
परिपथ में प्रवाहित कुल धारा
विद्युत परिपथ में प्रतिरोधों के सिरों पर विभवांतर
समांतर क्रम संयोजन (पार्श्व क्रम संयोजन) –
जब प्रतिरोधों को समांतर क्रम या पार्श्व क्रम में संयोजित करते है तो इसे समांतर क्रम संयोजन (पार्श्व क्रम संयोजन) कहते है । समांतर क्रम संयोजन में प्रत्येक प्रतिरोध के सिरों पर विभवांतर समान होता है परन्तु उनमें धारा भिन्न-भिन्न होती है ।
जब दो प्रतिरोध समांतर क्रम में जुड़े हो तो कुल प्रतिरोध का सूत्र
Q. प्रतिरोधकों R1 , R2 तथा R3 जिनके मान क्रमशः 5 Ω ,10 Ω तथा 30 Ω है , इन्हें समान्तर क्रम में 12 V की बैट्री से जोड़ा गया है । a. प्रत्येक प्रतिरोध से प्रवाहित धारा b. परिपथ में प्रवाहित कुल विद्युत धारा c. परिपथ का कुल प्रतिरोध ज्ञात कीजिए ।
Ans.
a. प्रत्येक प्रतिरोध से प्रवाहित धारा
प्रथम प्रतिरोध(R1) से प्रवाहित धारा
b. परिपथ में प्रवाहित कुल विद्युत धारा
Ieq = I1 + I2 + I3
Ieq = 2.4 + 1.2 + 0.4
Ieq = 4 A
c. परिपथ का कुल प्रतिरोध
Q.
उपरोक्त चित्र के आधार पर परिपथ का कुल प्रतिरोध तथा परिपथ में प्रवाहित कुल विद्युत धारा ज्ञात कीजिए ।
Ans.
परिपथ का कुल प्रतिरोध
अथवा
⦁ महत्वपूर्ण बिन्दू
a. श्रेणीबद्ध परिपथ से एक प्रमुख होनि यह होती है कि जब परिपथ का एक अवयव कार्य करना बंद कर देता है तो परिपथ टूट जाता है और परिपथ का अन्य कोई अवयव कार्य नहीं कर पाता है ।
इसके विपरीत यदि समांतर क्रम संयोजन में कोई अवयव खराब होता है तो अन्य अवयव पर उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है और अन्य अवयव समान रूप से कार्य करते रहते है ।
b.प्रतिरोधों का जब श्रेणीक्रम संयोजन करते हैं तो कुल प्रतिरोध बढ़ता है और जब समांतर क्रम संयोजन करते है तो प्रतिरोध घटता है ।
However, you also need to balance this with actually creating titles that people want to click as well as read.
It will have the purpose of doing money promptly.
However, you also need to balance this with actually creating titles that people want to click
as well as read. It will have the purpose of doing money promptly.
Nice posts!
very nice
I am no longer sure the place you are getting your information, but great topic. I must spend a while finding out much more or figuring out more. Thank you for wonderful info I was in search of this info for my mission.